7 नियमों की औषधि से अपना मानसिक जीवन स्वस्थ्य बनाएँ
‘मैं ऐसा क्यों हूँ… वैसा क्यों नहीं… सामनेवाला इंसान ऐसा क्यों है… वैसा क्यों नहीं… वह ऐसे क्यों बात करता है… वह लापरवाह है… वह केवल खुद को सही समझता है… मेरे ही जीवन में ऐसे लोग क्यों हैं…?’
क्या विचारों की यह श्रृंखला आपमें चलती रहती है? क्या आप खुद को बदलने के बजाय सामनेवाले को बदलना चाहते हैं? क्या आप इससे बाहर निकलना चाहते हैं?
यदि हाँ तो समझें कि खोज ही एक मात्र रास्ता है, इस रोग की जड़ तक पहुँचने का। जिन्होंने भी खोज की, उन्हें जवाब मिले…। फिर चाहे वे शारीरिक बीमारियों के उपचार हों या मानसिक तकलीफों के समाधान।
यहाँ हम अनगिनत आनेवाले विचारों की खोज की बात कर रहे हैं। वे विचार, जो हमें परेशान करते हैं, दुःखी करते हैं, इनका एक ही आसान, सादा व सरल समाधान है… ‘खोद-खोदकर खोज करना।’
आप अपने विचारों, कथाओं तथा मान्यताओं से ऊपर उठकर आनंदित रहना चाहते हैं तो यह पुस्तक आपका मानसिक जीवन सँवारने की रामबाण औषधि है। तुरंत इस पुस्तक को खोलें व अपना और अपने सह प्रेमियों के जीवन का पासा पलट दें।



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