विकास नियम – आत्मविकास द्वारा संतुष्टि पाने का राज़
विकास नियम हमारे चारों ओर काम कर रहा है| फिर चाहे वह शरीर का विकास हो, बुद्धि का विकास हो, शहर या देश का विकास हो| यह नियम एक बुनियादी नियम है; यह पूर्णता की चाहत है| आइए, इस पुस्तक द्वारा विकास नियम को अपना आदर्श बनाकर विकास की नई ऊँचाइयों को छू लें| विकास नियम हर इंसान और वस्तु में छिपी संभावनाओं को प्रकट करने का नियम है| यह आपकी संपूर्ण संतुष्टि की चाहत को पूरा करता है| इस नियम के जरिए जान लें जो अब आपके सामने है| विकास नियम का महा मंत्र क्या है? विकास की शुरुआत कैसे और कहॉं से करें? विकास का विकल्प कैसे चुनें? विकास पर सदा अपनी नजर कैसे टिकाए रखें? आत्मविकास के स्वामी कैसे बनें? इंसान की अंतिम विकास अवस्था क्या है? स्वयं को और अपने मन की जमाई सोच को कैसे जानें?
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