बेचैनी से चैन की ओर…
इंसान विश्व की सारी करतूतें मन की बेचैनी से मुक्ति पाकर आनंद की खोज में करता है मगर वह यह बात सर्वथा भूल जाता है कि सच्चा आनंद उसके अंदर ही छिपा हुआ है। बेचैनी से मुक्ति तथा सच्चा आनंद पाने के लिए कौन सी दिशा सही है, यह पता न होने की वजह से जीवनभर इंसान बाहरी बातों में आनंद की तलाश करता रहता है। आनंद पाने की यात्रा में इंसान उन्हीं तरीकों को अपनाता है, जो उसे मालूम हैं; जैसे स्वादिष्ट खाना खाना, वासना को प्रतिसाद देना, क्रिकेट मैच देखना आदि। उत्तेजना को ही आनंद समझकर इंसान उत्तेजना के पीछे भागता रहता है।
उत्तेजना में असली आनंद नहीं होता और उससे इंसान के मन की बेचैनी कम भी नहीं होती। मन की उत्तेजना कम समय के लिए और अस्थाई होती है। मन की बेचैनी से मुक्ति पाने का स्थाई मार्ग इस पुस्तक द्वारा समझें और शांत और आनंदित मन से जीवन का उद्देश्य पूरा करने के लिए तैयार हो जाएँ।
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