आज्ञा और एकाग्रता का दूसरा नाम ”संत एकनाथ”
आज्ञा के प्रति निष्ठा और एकाग्रता का उत्तम उदाहरण कौन है? संत एकनाथ। संत एकनाथ में हमेशा से सत्य की प्यास थी, जिसने उन्हें गुरु जनार्दन स्वामी से मिलवाया।
एकनाथ महाराज का जीवन हमें संसार में रहकर ही सत्य प्राप्त करने की प्रेरणा देता है। आज अगर हमारी प्रार्थना सत्य पर स्थापित होने की है, सत्य को स्वयं अनुभव करने की है तो इसके लिए जरूरी घटनाक्रम स्वत: ही बन जाता है और आप सही स्थान पर पहुँच जाते हैं। जैसे एकनाथ बारह साल की उम्र में अपने महान गुरु के पास पहुँचे थे। वहीं से उनके जीवन को एक नई दिशा मिली थी। आइए इस पुस्तक को पढ़कर हम भी अपने जीवन को नई दिशा देने का प्रयास करें।
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