चिंता मुक्त जीवन
क्या हमने कभी यह सोचा है कि चौबीस घंटे हम अपने मन में कौन से विचार डाल रहे हैं, सकारात्मक या नकारात्मक? जो मुख्य है, जो जीवन में परिणाम लाते हैं। इन्हीं विचारों से घटनाएँ होती हैं। आज तक हम चिंता से लड़ने या भागने का तरीका अपनाते रहे परंतु अब चिंता का मुकाबला करें। चिंता की चिंता ही असली चिंता है, वरना चिंता, चिंता नहीं।
चिंता का कारण इंसान के अंदर ही है इसलिए चिंता का इलाज बाहर नहीं हो सकता। इलाज की खोज ध्यान की दूरबीन से की जानी चाहिए। ध्यान से इंसान की चेतना ऊपर उठती है जिस वजह से वह जीवन में सही निर्णय लेकर दूसरों के लिए चिंता मुक्ति का कारण बनकर खुद चिंता मुक्त (आनंदित) रहता है और अपने जीवन में आनंद वरदान प्राप्त करता है।
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