इंद्रियों पर जीत कब, क्यों और कैसे प्राप्त करें
काबिल बनने का अंदरूनी तरीका
कछुआ एक ऐसा प्राणी है, जिसके अंदर अपने आपको सुरक्षित रखने का महत्वपूर्ण गुण होता है। जब भी उसे अपने आस-पास किसी तरह का कोई खतरा दिखाई दे तो वह सभी पैरों को अंदर समेटकर, झट से अपने खोल में घुस जाता है। फिर वह खतरा चाहे समुद्री प्राणियों से हो या बाहरी किसी अन्य जीव से।
हमें भी कछुए के इसी गुण को अपनाकर, माया में उलझी इंद्रियों को सुरक्षित बाहर आने (शुद्ध होने) की कला सिखानी है। कछुए के पैरों की तरह इंसान को भी पाँच इंद्रियाँ मिली हैं, जो हर समय माया के फैलाए जाल में उलझती रहती हैं। अब इन्हीं इंद्रियों को प्रशिक्षित करना है ताकि जब भी हमारा मन माया में जाए और उसे वहाँ किसी तरह का कोई खतरा दिखाई दे तो वह तुरंत अपनी इंद्रियों को समेटकर, अंदर की तरफ मुड़ जाए और अपना बचाव कर ले।
इंद्रियों को कैसे समेटकर, स्टेप बाय स्टेप प्रशिक्षण देना है, यह समझने के लिए इस पुस्तक के हर खण्ड का गहराई से अध्ययन कर, इसे अपने जीवन में उतारें। साथ ही इसमें जानें :
* मन पर बुद्धि का अंकुश मंत्र क्या है
* ऐन्द्रिक अभ्यास का मार्ग क्या है
* इंद्रियों का उपवास कैसे करें
* इंद्रियों से कब कहें ‘नो न्यू न्यूज़’
* शरीर और इंद्रियाँ कमजोरी नहीं, शक्ति कैसे बनें
* इंद्रियों को अपना दोस्त बनाने का राज़ क्या है
* पंचेंद्रियाँ कामयाबी की सीढ़ी कैसे बनें
* इंद्रियों को अंदर की तरफ कैसे मोड़ें
* इंद्रियों का उच्चतम उपयोग कैसे करें
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