दुश्मन मन को मित्र कैसे बनाएँ
आज तकनीकी विकास के साथ बनी बोलनेवाली मशीन जैसे अलेक्सा, सीरी, गुगल असिस्टंट द्वारा लोग कोई गाना या न्यूज चलाना, किसी को फोन लगाना या मेसेज भेजना आदि कार्य आसानी से कर पाते हैं। मान लें, यदि ये उपकरण बिगड़ जाएँ और बताए गए कार्य के बजाय कुछ और ही करने लगें, खुद ही आपको कुछ गलत समाचार सुनाने लगें, आपको परेशान करने लगें तो आप उसे क्या कहेंगे? आप कहेंगे, ‘जितना बताया, उतना ही करो। तुम मेरे लिए बनाए गए हो, मैं तुम्हारे लिए नहीं।’
मन ऐसी ही बोलनेवाली मशीन है, जिसका रिमोट इंसान के हाथ में है। मगर वह मन की बातों में आ जाता है। मन उसकी सेवा करने के बजाय दुश्मन की तरह, इंसान को ही अपनी सेवा में लगाता है और उसे अपनी ऊँगलियों पर नचाता है।
इस पुस्तक में पढ़ें ऐसे उपाय, जिससे आपका मन एक अच्छा मित्र बनकर सदैव आपकी सेवा में तत्पर रहे।
* क्या पूछने से मन चुप होगा
* क्या सोचने से मन शांत होगा
* कौन सा प्रशिक्षण पाकर मन समभाव में रहेगा
* मन के विचार चक्र की दिशा कैसे बदलें
* मन को यादों से खाली कैसे करें
* मन के कोर थॉटस् कैसे पहचानें
* सच्चाई को अपना कोर थॉट कैसे बनाएँ
* रिश्तों में मन सताए तो क्या करें, क्या न करें
* मन में भरी भावनाओं को कैसे देखें
* मन के सताने से मुक्ति पाने का आखिरी उपाय क्या है
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