सेवा करे सेवक की सेवा
सेवा का वास्तविक अर्थ है अच्छाई और सच्चाई का दर्शन करना। सेवा का असली स्वाद तभी आता है, जब हम इससे स्वयं की आंतरिक सफाई करते हैं। साथ ही दूसरों की मदद करने के लिए पहले खुद की मदद करते हैं।
दिल से की गई सेवा हमें अपने नए रूप से मिलाकर, आत्मविकास की दिशा में एक कदम आगे ले जाती है।
प्रस्तुत पुस्तक में हम सेवा के विषय को जाननेवाले हैं। जैसे-
* सेवा, सेवक की सेवा कैसे करे?
* सेवा में क्या करें, क्या न करें?
* सेवा की बारह कमजोरियाँ कौनसी हैं?
* सेवा में ली जानेवाली बारह खबरदारियाँ क्या हैं?
* सेवा की बारह शक्तियाँ कौनसी हैं?
* सेवा सत्य की खोज में किस प्रकार से सहायक हो सकती है?
* सेवा के कितने और कौनसे प्रकार हैं?
* सेवा का असली अर्थ और उद्देश्य क्या है?
तो आइए, सेवा की समझ पाकर, हम अपनी क्षमताओं को पहचानें और एक सुखी, समृद्धशील समाज का निर्माण करें क्योंकि यह एक साथ होने की भावना है, जहाँ सभी एक दूसरे के साथ हैं और एक-दूसरे के लाभ के लिए निमित्त बनते हैं।
Reviews
There are no reviews yet.