गर्भ संस्कार
सवाल जवाब
The Essence of a Mother’s
Journey during Pregnancy
पूर्ण समझ के साथ नए मेहमान
का नव जीवन में स्वागत
दिव्य शिशु के साथ क्या करें… क्या न करें
– आपके घर आनेवाला नन्हा मेहमान दुनिया में क्यों आ रहा है?
– वह आपके ही घर में क्यों आ रहा है?
– आपका उससे क्या संबंध है?
– उसमें प्रसन्नता, साहस, प्रेम, विश्वास आदि गुण अंकुरित करने के लिए क्या करना होगा?
– शिशु के उत्तम बौद्धिक, आध्यात्मिक, भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक विकास के लिए स्त्री को, अपनी समझ में कौन से परिवर्तन करने होंगे?
– प्रसव काल के प्रति मन में बैठे डर, शंकाओं को कैसे दूर करना होगा?
गर्भ संस्कार संबंधित ऐसे कई प्रश्न लोगों के मन में उठते होंगे मगर कितने लोग इनके जवाब ढूँढ़ने की कोशिश करते हैं। इससे संबंधित इंटरनेट पर या पुस्तकों में कई जानकारियाँ उपलब्ध हैं। अत्यधिक जानकारी की वजह से कई बार लोग भ्रमित भी हो जाते हैं कि क्या करें… क्या न करें…!
ऐसे में गर्भ संस्कार ज्ञान कहता है, ‘गर्भावस्था से पूर्व ही स्त्री ने, साथ ही उसके पूरे परिवार ने ऐसे संस्कार, पहले स्वयं में लाने चाहिए ताकि गर्भाधान होने पर गर्भ में खुद-ब-खुद एक स्वस्थ, सुंदर, तेजस्वी और दिव्य शिशु विकसित हो सके।’
सार में कहें तो आप जैसी संतान चाहते हैं, उसके अनुकूल आपको अपने भीतर तैयारी करनी होगी। यही तैयारी नवजात शिशु में ट्रान्सफर होगी।
प्रस्तुत पुस्तक हमें यही तैयारी करना सिखाती है, जो माता-पिता-परिवार और शिशु के रूपांतरण का सबब बनेगी। इसमें सीधे-सटीक-सार में सवाल-जवाब के माध्यम से मार्गदर्शन दिया जा रहा है।
तो फिर तैयार हो जाइए आधुनिक समझ के साथ नए मेहमान के रूपांतरण के लिए…!
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