मुक्त अवस्था प्रकट करने का राज़
सत्य का एक वाक्य आपके अंदर के कबीर को प्रकट कर सकता है… द्रोणाचार्य की एक मूर्ति एकलव्य के तेज को उत्पन्न कर सकती है तो एक मनन संकेत आपकी भी ज़िंदगी बदल सकता है| लेकिन शर्त यह है कि आपमें ग्रहणशीलता और मनन द्वारा मोती चुनने की कला हो| ये आपके अंदर नहीं हैं तो असीम ज्ञान भी, छेदवाली बालटी में भरे गए पानी की तरह बह जाएगा|
जब इंसान अपनी गलतियों पर मनन कर उससे सीख प्राप्त करता है, अवगुणों पर मनन कर उन्हें मिटाने के लिए कार्य करता है तभी वह इनसे मुक्त हो पाता है| मनन इतना गहरा करें कि क्रिया स्वत: ही शुरू होकर मुक्ति की अवस्था प्रकट हो जाए और हर राज़ खुल जाए|
इसी लक्ष्य को आसान करने के लिए इस पुस्तक में कुछ चुनिंदा प्रेरक कहानियों के साथ-साथ कुछ सवालों को संकलित किया गया है| जिनका पठन करते हुए आपको मनन से मोती चुनने की कला तो मिलेगी ही, साथ ही वैसा ही जीवन जीने की प्रेरणा भी मिलेगी| जैसे-
* दूसरों की उच्चतम सहायता कैसे करें
* झूठ और कपट से कैसे बचें
* पतन का मूल कारण क्या है
* बाधा को चुनौती कैसे बनाएँ
* कमज़ोरी को ताकत कैसे बनाएँ
* जीवन में गुरु की आवश्वकता क्यों है
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