जीवन एक फिल्म की तरह है, जिसमें इंटरवल आता-जाता रहता है। यह समय ग्रे पीरियड यानी मनन की अवधि होता है। इस अवधि में भविष्य के प्रति किया गया विचार जीवन को उचित दिशा दे सकता है। यह भूतकाल की निराशा पर आँसू बहाने की अवधि नहीं होती बल्कि उससे सबक लेकर उज्ज्वल भविष्य का खाका तैयार करने का वक्त होता है। तभी हम अपने उलझाऊ जिंदगी को सुलझाकर सहज जीवन जीने का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।
इसी विषय पर सरश्री ने इस पुस्तक के माध्यम से पाठकों को मनन की शक्ति से अवगत कराया है। इसके अध्ययन से पाठक मनन की शक्ति के द्वारा एकाग्रता, दूरदृष्टि, आत्मविश्वास, अचूक लक्ष्य, कार्य के प्रति समर्पण, क्रोध पर जीत, स्वस्थ तन और धन आदि प्राप्त करने का उपाय जान सकते हैं। चार खण्डों में विभक्त इस पुस्तक का प्रत्येक खण्ड महत्वपूर्ण है। प्रत्येक पाठ में ॠषियों, वैज्ञानिकों, विचारकों, महात्माओं आदि के जीवनवृत्ति पर आधारित प्रसंगों के माध्यम से सबक लेने का मार्ग दिखाया गया है। इसके अतिरिक्त हरेक पाठ के अंत में प्रश्नावली भी दी गई है, जिसे पाठक पढ़कर पाठों के आधार पर अपना जवाब दे सकते हैं।
पुस्तक पाठकों को अज्ञानता के अंधकार से निकालकर मनन के प्रकाश में ले जाती है, जहॉं वे उस विषय की गहराई में जाकर लाभान्वित होते हैं। पुस्तक का गहन अध्ययन जीवन को नई दिशा देनेवाला है।
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