विचारों की दंगल से आज़ादी कैसे मिले
आज मनोरंजन के इतने साधन उपलब्ध हैं कि हर इंसान उनके पीछे भागता रहता है। अगर उसे मनोरंजन नहीं मिला तो वह छटपटा जाता है। यहाँ तक कि आज के बच्चे भी मोबाईल नहीं मिला तो चिढ़चिढ़ करते हैं। ऐसे वातावरण में मन को शांति कैसे मिले? और विचारों की दंगल कैसे खत्म हो?
इस पृष्ठभूमि के आधार पर काल्पनिक कहानी के रूप में प्रस्तुत किए गए इस पुस्तक में आपको आतंरिक शोर से शांति प्राप्त करने का ज़रिया मिलेगा। इसके अलावा इस पुस्तक में पढ़ें ः
* जीवन में विचारों का क्या महत्त्व है?
* मन आपका अच्छा मित्र कैसे बन सकता है?
* मन के शोर का मूल कारण क्या है?
* आंतरिक शोर से मुक्ति पाने के स्थाई उपाय कौन से हैं?
* विचारों के शोर से मुक्ति पाने के लिए ध्यान का उपयोग कैसे करें?
* खुली आँखों से ध्यान कैसे करें?
यह पुस्तक पढ़ने के बाद कहानी के नायक के साथ आप भी जीवन के सबसे मुख्य और मूल सवाल की तरफ बढ़ पाएँगे। आइए, आज की भाषा में लिखी गई इस कहानी के नायक की तरह हम सभी इस पुस्तक के साथ मनन करें और पाएँ उस अवस्था का स्वाद, जिसे पाने हम पृथ्वी पर आए हैं।
Veena �Tekchandani (zweryfikowany) –
This book helped me a lot. Thanks to the writer.
Sandeep Atre (zweryfikowany) –
Happy Thoughts. An excellent book. A must read.