निष्काम सेवक का अव्यक्तिगत जीवन
स्वार्थ, कपट, कंजूसी, क्रोध, लोभ जैसे विकारों से भरे आज के जीवन में जब कोई अपना पूरा जीवन दीन-दुःखियों की सेवा में लगाता है तब उसके कार्य पर लोग संदेह करते हैं। किंतु मदर टेरेसा का जीवन उन सभी सद्गुणों की झाँकी है, जिसकी साधारण इंसान कल्पना भी नहीं कर सकता। उन्होंने अपना समस्त जीवन व्यक्तिगत इच्छाओं, आकांक्षाओं को त्यागकर एक निष्काम सेवक के रूप में पीड़ितों की सेवा में बिताया। यह पुस्तक उनके इसी जज़्बे को आपके सामने लाने का एक प्रेरक प्रयास है। इसमें पढ़ें –
* मदर ने सेवा के लिए आवश्यक प्रशिक्षण कैसे पाया
* उनके सेवा की शुरुआत कहाँ से और कैसे हुई
* मिशनरीज ऑफ चैरिटी संस्था की स्थापना और विकास कैसे हुआ
* अनेक दिक्कतों के बावजूद जीवनभर वे अपने कार्य में किस तरह डटी रहीं
* अन्य सेवकों के मन की गुणवत्ता कैसे बढ़ाई
* सेवा में क्षमा और कृतज्ञता का क्या महत्त्व बताया
* सेवा के मार्ग पर चलकर किस तरह कमज़ोरियों से मुक्ति पायी?
समर्पित और बेशर्त जीवन जीनेवालों के लिए यह पुस्तक एक ऐसा गाईड है, जो हर दुविधा और मुसीबत से आगे बढ़ने का हौसला देती है। व्यक्तिगत लाभ और स्वार्थ से परे होकर किस तरह सारा जीवन सेवा में बिताया जा सकता है, इसकी मिसाल है मदर टेरेसा! सच्चे, गुणवान और अव्यक्तिगत सेवक बनने के लिए आइए, इस पुस्तक के पठन का लाभ लें और मदर की जीवनी से प्रेरणा पाएँ।
Bhaskar Sakure (zweryfikowany) –
Dhyanvad Sirshree Happy Thoughts SIRSHREE