मन और बुद्धि के पार – परम बोध यात्रा
सिद्धार्थ को परंतु जीवन में कुछ ऐसे संकेत मिले, जिन्होंने उन्हें खोजी बना दिया| उन्होंने राजसी जीवन को त्याग दिया और दुःख मुक्ति की खोज में जुट गए| इस मार्ग पर उन्होंने अपने शरीर को बहुत कष्ट दिए| दोनों अतियोंवाला जीवन जीने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि मध्यम मार्ग ही सर्वोत्तम मार्ग है|
सिद्धार्थ गौतम ने मन और बुद्धि का सम्यक उपयोग किया और उनके पार गए इसलिए उन्हें परम बोध प्राप्त हुआ और वे भगवान बुद्ध बने| यह पुस्तक आपको भगवान बुद्ध के जीवन का रहस्य बताएगी| इस यात्रा में आप जानेंगे –
* सिद्धार्थ कब और क्यों गौतम (खोजी) बने
* गौतम की बोध प्राप्ति की यात्रा कैसे सफल बनी
* बोध प्राप्ति के बाद भगवान बुद्ध की यात्राएँ कैसी थीं
* भगवान बुद्ध ने अपने शिष्यों को कौन सी शिक्षाएँ प्रदान कीं
* भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को जीवित रखने के लिए सम‘ाट अशोक ने कैसे महत्वपूर्ण योगदान दिया
भगवान बुद्ध ने अपने सम्यक ज्ञान से लोगों की मन:स्थिति देखकर उपाय बताए| जिन लोगों ने उन्हें ध्यान से सुना, समझा, उन्होंने बुद्ध बोध का पूर्ण लाभ उठाया लेकिन जिन लोगों ने बुद्ध के केवल शब्द सुने, वे अपनी मूर्खताओं में लगे रहे| यदि आपने भगवान बुद्ध की शिक्षाओं
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