सबसे बड़ी क्षमा
जीवन में आपने कितने लोगों को क्षमा किया और कितने लोगों को नहीं किया? यदि इसका आँकड़ा निकाला जाए तो ऐसे लोग अधिक होंगे जिन्हें आप दिल से क्षमा नहीं कर पाए हैं या उनसे क्षमा नहीं माँग पाए।
क्या आप जानते हैं कि एक ऐसे मसीहा भी हैं, जिन्होंने न केवल लोगों को क्षमा किया बल्कि उन लोगों के द्वारा हुए पाप कर्मों को मिटाने के लिए, अपना रक्त तक बहा दिया, स्वयं को मृत्यु के मुँह में झोंक दिया। ऐसी क्षमा को आप क्या कहेंगे? यह है ‘सबसे बड़ी क्षमा’ जो जीज़स क्राईस्ट ने दी, उन लोगों को, जिन्होंने उन्हें सूली पर चढ़ाया।
लोग जानते हैं कि जीज़स ने अपने जीवनकाल में कई चमत्कार किए। ऐसे में लोगों को अकसर प्रश्न आता है कि फिर उन्होंने स्वयं को सूली से बचाने के लिए कोई चमत्कार क्यों नहीं किया।
दरअसल ‘सूली पर चमत्कार न करना’ यह उनके आत्मबल का प्रतीक था। कैसे? यह आप इस पुस्तिका में बहुत की बेहतरीन तरीके से जाननेवाले हैं।
यह पुस्तिका बनाई गई है उस संदेश से, जो सरश्री जी ने जीज़स क्राईस्ट के महान जीवन पर दिया है। इस संदेश को उनकी भाषाशैली में रखने का पूरा प्रयास किया गया है ताकि लोगों इसे न केवल पढ़ें बल्कि आत्मसात भी करें।
इसे पढ़ते वक्त, आप भी यह महसूस कर पाएँगे कि आप स्वयं सरश्री जी को सुन रहे हैं।
पहली बार पढ़ते हुए सरश्रीजी को सुनने का अनुभव लें…..
Reviews
There are no reviews yet.