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चिंता मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ का सरल सूतà¥à¤° ‘तब’ की ‘तब’ देखें
करने योगà¥à¤¯ करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ करà¥à¤® अब करें
इंसान के जीवन में कà¤à¥€ खà¥à¤¶à¥€-कà¤à¥€ गम का खेल चलता रहता है। à¤à¤¸à¥‡ में कई बार उसके मन में चिंता के बादल मà¤à¤¡à¤°à¤¾à¤¤à¥‡ हैं। हरेक की अलग-अलग चिंता हो सकती है। अविवाहित को शादी की… बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को पà¥à¤¾à¤ˆ की… गृहिणी को परिवार की… पति को बिजनैस या नौकरी की… बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— को सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ की तो नौजवान को जॉब की… चिंता सताती है।
सबसे पहले समà¤à¥‡à¤‚ कि चिंता का मूल कारण कà¥à¤¯à¤¾ है? चिंता यानी à¤à¤—à¥à¤œà¥…कà¥à¤Ÿà¤²à¥€ कà¥à¤¯à¤¾? इंसान सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को कà¤à¥€ सही सवाल नहीं पूछता इसलिठचिंता की खाई में गिर जाता है। कà¥à¤¯à¤¾ आपने कà¤à¥€ ‘चिंता’ पर चिंतन किया है? अधिकांश लोगों का जवाब होगा, ‘नहीं’ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ‘चिंता’ करना आसान है मगर इस विषय पर मनन-चिंतन करना इंसान को कठिन लगता है। हालाà¤à¤•à¤¿ जिस विषय पर आप गहराई से मनन करते हैं, वह पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ में आता है और आपके सामने रचनातà¥à¤®à¤• तरीके से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ का दà¥à¤µà¤¾à¤° खà¥à¤²à¤¤à¤¾ है।
वासà¥à¤¤à¤µ में देखा जाठतो चिंता का अरà¥à¤¥ है- अजà¥à¤žà¤¾à¤¨ की वजह से, इंसान के मन में चलनेवाले निररà¥à¤¥à¤•, दिशाहीन विचार, जो उसे वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ से दूर ले जाते हैं। परिणामसà¥à¤µà¤°à¥‚प उसका मन बीते हà¥à¤ कल या आनेवाले कल में जीने लगता है।
दूसरे शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में इसे कहा जाà¤à¤—ा- जब आपका मन वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ की सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ में नहीं होता है तब आपको चिंता सताने लगती है। मानो, आप à¤à¤• विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ हैं, पà¥à¤¾à¤ˆ कर रहे हैं, अपने अंदर के हà¥à¤¨à¤° (कà¥à¤µà¥‰à¤²à¤¿à¤Ÿà¥€à¥›) को निखार रहे हैं। मगर यह करते वकà¥à¤¤ अगर आपका मन à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में है, जो सोच रहा है- ‘मà¥à¤à¥‡ जॉब कब मिलेगी… मिलेगी कि नहीं… परिवार के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ने बड़ी मेहनत से मà¥à¤à¥‡ पà¥à¤¾à¤¯à¤¾ है। कà¥à¤¯à¤¾ मैं उनकी अपेकà¥à¤·à¤¾à¤“ं पर खरा उतर पाऊà¤à¤—ा…?’ तो वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में आप अपना शत-पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ योगदान नहीं दे पाà¤à¤à¤—े। परिणामसà¥à¤µà¤°à¥‚प, जिस जॉब की आप चिंता कर रहे हैं, वह लगने में और देर हो जाà¤à¤—ी। इसलिठजब à¤à¥€ मन में चिंता के विचार आà¤à¤ तब सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को चिंता मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ का सरल मगर असरदार सूतà¥à¤° बताà¤à¤, ‘तब’ की ‘तब’ देखेंगे लेकिन अब केवल के. वाय. के. करेंगे यानी जो घटना à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में है, उसके बारे में ‘अब’ (वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में) नहीं बलà¥à¤•à¤¿ उस वकà¥à¤¤ (à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में) सोचेंगे और करने योगà¥à¤¯ करà¥à¤® (के.वाय.के.) अब करेंगे। इससे आप वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ के कारà¥à¤¯ में अपना बेसà¥à¤Ÿ योगदान दे पाà¤à¤à¤—े।
यह सूतà¥à¤° ना केवल विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठबलà¥à¤•à¤¿ सà¤à¥€ के लिठआवशà¥à¤¯à¤• है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि आज चिंता इंसान के जीवन का à¤à¤• मà¥à¤–à¥à¤¯ हिसà¥à¤¸à¤¾ बन गई है। इसलिठइस सूतà¥à¤° को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤ आप वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में जीने का महतà¥à¤¤à¥à¤µ समà¤à¥‡à¤‚। चिंता तो केवल à¤à¤• à¤à¥à¤°à¤® है। चिंता यानी à¤à¤¸à¥€ चीज़ जो वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ में है ही नहीं। अतः जब à¤à¥€ चिंता सताà¤à¤ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को तà¥à¤°à¤‚त याद दिलाà¤à¤, ‘तब की तब देखेंगे अब के.वाय.के. करेंगे।’
सारांश में आपके लिठदो कारà¥à¤¯ योजना हैं:
1) जब à¤à¥€ चिंता का विचार आठतब सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को याद दिलाà¤à¤, ‘तब की तब देखेंगे।’
2) सà¥à¤µà¤¯à¤‚ से सही सवाल पूछें, ‘अब करने योगà¥à¤¯ करà¥à¤® (के.वाय.के.) कà¥à¤¯à¤¾ है?’ और उसमें अपना शत-पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ योगदान दें।
इन दो पायदानों पर चलकर सà¥à¤µà¤¯à¤‚ में दृà¥à¤¤à¤¾ हासिल करें और हर कà¥à¤·à¤£ टेंशन फà¥à¤°à¥€ रहें।
~ सरशà¥à¤°à¥€
3 comments
Vishal Langade
Dhanyawad sirshree
Sunil Nyati
बहोत हि साधा और सरल उपाय धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ सरशà¥à¤°à¥€
Abhinay Dahikar
Happy thoughts ðŸ™Tej guru sirshree ji…