सà¥à¤ªà¤¿à¤°à¤¿à¤šà¥à¤…ल पेरेंटिंग
Khush Parivaar Rahasya
तितलियों के नाज़à¥à¤• पंख टूटे नहीं
हम सà¤à¥€ ने बचपन में कà¥à¤› सपने देखे होंगे। वैसे ही हमारे बचà¥à¤šà¥‡ à¤à¥€ देख रहे हैं। वे सपनों की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में तितलियाठसà¥à¤µà¤°à¥‚प हैं। रंग-बिरंगी सपनों की तितलियों के नाज़à¥à¤• पंख कà¤à¥€ न टूटे, इसका खयाल माता-पिता को ही रखना होता है। बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की जगमगाती आà¤à¤–ें, जिनमें जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¤¾ à¤à¤°à¥€ हà¥à¤ˆ है, कहीं हमारी किसी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के कारण उनमें अंधेरा न à¤à¤° जाà¤à¥¤ इन तितलियों को खेलने दें, घूमने दें, नाचने दें और उड़ान à¤à¤°à¤¨à¥‡ दें। इस दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के अलग-अलग रंगीन फूलों से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ शहद इकठà¥à¤ ा करने दें। उनके पैरों को बाà¤à¤§à¤•à¤° न रखें वरना हमारा ही निःसà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ सपना टूट सकता है।
हमारे बचà¥à¤šà¥‡ तितली की तरह नाज़à¥à¤• हैं, वे करà¥à¤•à¤¶ आवाज़ से डर सकते हैं, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤¯à¤¾à¤° से सà¤à¤à¤¾à¤²à¥‡à¤‚।
कà¤à¥€-कà¤à¥€ माता-पिता अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ से कà¥à¤› उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¥‡à¤‚ रखते हैं, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पूरा करने में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ पर à¤à¤• तरह का दबाव पड़ता है। जिस कारण बचà¥à¤šà¥‡ मà¥à¤°à¤à¤¾ जाते हैं। इसीलिठपहले बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को समà¤à¥‡à¤‚, फिर समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ की ओर मूड़े। इसके अतिरिकà¥à¤¤ इसमें पà¥à¥‡à¤‚-
* बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को कैसे संसà¥à¤•à¤¾à¤° दें?
* बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को खेल-खेल में पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ कैसे दें?
* बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में कौन से बीज डालें?
* बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की चिंता करने के बजाय उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सकारातà¥à¤®à¤• तरंगें कैसे à¤à¥‡à¤œà¥‡à¤‚?
* बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को सही मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ कैसे दें?
* बचà¥à¤šà¥‡ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ निरà¥à¤£à¤¯ लेना कैसे सीखेंं?
पेरेंटिंग à¤à¤• सतत चलनेवाली पà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥‡à¤¸ है। इसे केवल कारà¥à¤¯ करके निपटाना नहीं है बलà¥à¤•à¤¿ हौले-हौले पà¥à¤°à¥‡à¤® से अंजाम देना है। तो आइà¤, साथ हो लेते हैं इस अनवरत पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ में…
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