पूछनेवाले सब प्राप्त करते हैं
क्या आपने कभी खुद से सवाल पूछा है, ‘मैं जैसा जी रहा हूँ, वैसा क्यों जी रहा हूँ’, ‘मैं इसे कैसे बेहतर कर सकता हूँ?’ या ‘मैं वाकई कौन हूँ?’
दरअसल हमारा जीवन जवाबों से नहीं, सवालों से आकार लेता है। सवाल पूछना सिर्फ जिज्ञासा नहीं है, यह चेतना की पहली सीढ़ी है। सवाल पूछने की कला आपको उस गहराई तक ले जाती है, जहाँ सतही ज़िंदगी के सवाल खत्म होकर आत्मखोज की शुरुआत होती है।
यह पुस्तक आपको पूछने की कला सिखाकर आत्मखोज के उस महान रास्ते पर ले जाएगी, जहाँ आपको अपने जीवन के सारे जवाब मिल जाएँगे।
इस किताब में आप ये सात बातें जानेंगे-
1. आस्कॉलॉजी यह कौन सा विज्ञान है?
2. पूछकर अपने सपने आप कैसे पूरे करें?
3. अपने वर्तमान को आस्कॉलॉजी से कैसे बेहतर बनाएँ?
4. सवाल पूछना कब, कैसे और क्यों ज़रूरी हैं?
5. खुद से और दूसरों से भी अच्छे सवाल कैसे पूछे जाएँ?
6. आस्कॉलॉजी आपके जीवन में क्रांति कैसे ला सकती है?
7. ऐसे कौन से सवाल हैं, जो खुद से ज़रूर पूछने चाहिए?
अगर आप मनन की गहराई में उतरकर सिर्फ जवाब नहीं, सच खोजने का साहस रखते हैं और अपने जीवन को एक नया अर्थ देना चाहते हैं तो अब वक्त है सवाल उठाने का क्योंकि जवाब तभी मिलते हैं, जब खोजी ज़िंदा होते हैं।



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