अज्ञान, भ्रम, गलतफहमियों को कैसे दूर करें
– पृथ्वी पर मृत्यु का डर क्यों है?
– क्या मृत्यु ही एकमात्र सत्य है या सबसे बड़ा भ्रम है?
– क्या मृत्यु वास्तव में अंत है या एक शुरुआत का संकेत है?
– क्या मृत्यु हमें अपने असली स्वरूप में जागरूक करती है
या सिर्फ हमारी दृष्टि को बदलती है?
– क्या सबका भविष्य मृत्यु ही है?
– क्या मृत्यु ऐसी भविष्य वाणी है, जो कभी झूठी नहीं साबित होती?
मृत्यु से संबंधित ऐसे कई प्रश्न हमारे अंदर उठते हैं मगर इनमें छिपी गहराइयों को जानने का प्रयास करनेवाले बहुत कम होते हैं। क्योंकि अकसर हम मृत्यु के सामने डर महसूस कर, इसे अनदेखा करने की कोशिश करते हैं मगर सच्चाई से हम भाग नहीं सकते। मृत्यु, जीवन का एक अभिन्न अंग है, जिससे हम सभी परिचित हैं पर उसके बारे में अज्ञान और भ्रम कई गलतफहमियों को जन्म देता है।
यह पुस्तक हमें न केवल मृत्यु के आध्यात्मिक और वैज्ञानिक पहलुओं को समझाती है बल्कि मृत्यु से जुड़ी गलतफहमियों और भयों को दूर करने में भी मदद करती है। इस पुस्तक के माध्यम से हम मृत्यु के महत्वपूर्ण प्रश्नों का सामना कर सकते हैं। इसके पाँच आधार- विज्ञान, अनुभव, योग, आत्मसाक्षात्कारी संत और मस्तिष्क के परिवर्तन, हमें मृत्यु की सच्चाई समझने में मदद करते हैं।
यह पुस्तक आज के युग के आत्मसाक्षात्कारी गुरु ‘सरश्री’, द्वारा लिखी गई है। शक्तिशाली और सरल रूप में लिखी गई यह पुस्तक आपको नई और सही मंज़िल की ओर ले जाने में मदद करेगी। आपको जीवन की अहमियत को पुनः अनुभव करने के लिए प्रेरित करेगी।
तो आइए, मृत्यु की समझ पाकर, हम अपने जीवन को सार्थक बनाने की दिशा में अग्रसर होते हैं।
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