संतुलन रहस्य
ईश्वर ने हमें प्रेम, साहस, ध्यान और सेहत की दौलत दी है। इंसान अगर प्रेम, ध्यान, समय और साहस की दौलत प्राप्त न कर केवल पैसा कमाना, अपना लक्ष्य मान ले तो अंत में उसे पछताना पड़ता है। इसलिए जीवन में संतुलन रखना अनिवार्य है। यह पुस्तक इसी संतुलन पर हमें मार्गदर्शन देती है। ‘धन’ और ‘ध्यान’ की सच्ची समझ हर इंसान को प्राप्त करनी चाहिए।
जीवन की दो अतियों में एक तरफ है, ‘ध्यान’ और दूसरी तरफ है , ‘धन’। ध्यान हमें परमात्मा तक पहुँचाता है, जबकि धन (लोभ) हमें परमात्मा से दूर कर सकता है। परंतु ऐसा होने से बचा जा सकता है। कैसे? यह युक्ति इस पुस्तक द्वारा समझें। धन का यदि सही इस्तेमाल किया जाए, उसे परमात्मा प्राप्ति के लिए निमित्त बनाया जाए तो यही धन साधन बन जाता है। इस तरह धन और ध्यान दोनों हमें स्वअनुभव प्राप्ति में सहयोग कर सकते हैं।
ध्यान की दौलत द्वारा आप अपने जीवन में संपूर्णता ला सकते हैं। यह संपूर्णता संपूर्ण ध्यान सीखकर प्राप्त करें। संपूर्ण ध्यान विधि भी इसी पुस्तक का एक अंग है। इस ज्ञान द्वारा दो अतियों के बीच में संतुलन साधकर ध्यान को धन और धन को ध्यान की दौलत बनाएँ ।
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