This post is also available in:
English
26 जनवरी 1950, लगà¤à¤— तीन वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ की कड़ी मेहनत के बाद हमारे राषà¥à¤Ÿà¥à¤° का संविधान समापà¥à¤¤à¤¿ पर पहà¥à¤à¤šà¤¾à¥¤ उन तीन वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में, संविधान के वासà¥à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ ने चरà¥à¤šà¤¾ की कि हमें, à¤à¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤° होने के नाते किन-किन बातों को छोड़ना और किनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपनाना चाहिà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤• रेखाचितà¥à¤° तैयार किया कि कैसे à¤à¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤° खà¥à¤¦ का बेहतरीन वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨ करे ताकि इसकी विशाल कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ का à¤à¤°à¤ªà¥‚र उपयोग हो जिससे, उसका सामूहिक विकास हो सके। इस दिन को हमारे गणतंतà¥à¤° दिवस के रूप में मनाया जाता है।
तेजजà¥à¤žà¤¾à¤¨ फाउणà¥à¤¡à¥‡à¤¶à¤¨ में यह दिन ‘हॅपी थॉटà¥à¤¸ डे’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हमारे लिठअपने सà¥à¤µà¤¯à¤‚ के आंतरिक ‘संविधान’ के आकलन करने का उपयà¥à¤•à¥à¤¤ समय होता है। यह अखंड आनंद और शांति के उचà¥à¤šà¤¤à¤® शिखर पर पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ का अवसर है और यही वजह है कि हम इस अवसà¥à¤¥à¤¾ में रहना चाहते हैं।
वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त सà¥à¤¤à¤° पर, हम सà¤à¥€ खà¥à¤¶à¥€ की तलाश में अकसर à¤à¤¸à¥€ चीज़ों के पीछे à¤à¤¾à¤—ते रहते हैं, जो हमारी पहà¥à¤à¤š के बाहर होती हैं। हमें पूरा यकीन होता है कि विशेष लोग, चीज़ें या परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ हमें आनंद देंगी इसलिठहम à¤à¤¸à¥‡ कà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ के लिठजीवनà¤à¤° पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ करते रहते हैं। मगर हम जीवन के सबसे बड़े रहसà¥à¤¯ को à¤à¥‚ल जाते हैं और अपनी शांति à¤à¤µà¤‚ खà¥à¤¶à¥€ पर ‘नियम और शरà¥à¤¤à¥‡à¤‚ लागू’ करनेवाला लेबल लगा देते हैं।
हम अपनी इचà¥à¤›à¤¾à¤“ं का बोठढोते रहते हैं, जो अकसर परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से पैदा होती हैं और बढ़ती जाती हैं। पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• इचà¥à¤›à¤¾ पूरी होने के साथ, हम वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ से कà¥à¤› और बेहतर à¤à¤µà¤‚ बड़ा पाने की कामना करते हैं। बड़े सपने देखना और खà¥à¤¦ को पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ करना अचà¥à¤›à¥€ बात है। लेकिन यह इचà¥à¤›à¤¾à¤“ं का बहà¥à¤¤ बड़ा चकà¥à¤° है, जो पूरा न होने पर बड़े दà¥à¤ƒà¤– का कारण बनता है। यह à¤à¥€ हकीकत है कि अकसर हम अपनी उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¥‹à¤‚ के पूरा न होने के डर में जीते रहते हैं।
बहà¥à¤¤ बार हमारी इचà¥à¤›à¤¾à¤à¤ पूरी हो à¤à¥€ जाती हैं मगर वकà¥à¤¤ के साथ-साथ उनसे मिलनेवाली खà¥à¤¶à¥€ और संतोष धीरे-धीरे समापà¥à¤¤ होते जाते हैं और à¤à¤• बार फिर हम खà¥à¤¦ को नठसपने बà¥à¤¨à¤¤à¥‡ हà¥à¤ पाते हैं। कहने का अरà¥à¤¥, जहाठसे शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की थी, वापस वहीं पहà¥à¤à¤š गà¤à¥¤ हम अपनी उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¥‹à¤‚, खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और दà¥:खों की कशमकश के चलते अकसर खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के पलों का आनंद लेना à¤à¥‚ल जाते हैं।
इचà¥à¤›à¤¾à¤“ं का होना बà¥à¤°à¤¾ नहीं है। हकीकत में वे पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤¦à¤¾à¤ˆ कारक (फैकà¥à¤Ÿà¤°) होती हैं। हमें अपने लकà¥à¤·à¥à¤¯ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ हेतॠरचनातà¥à¤®à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ केंदà¥à¤°à¤¿à¤¤ करने में मदद कर सकती हैं। लेकिन इचà¥à¤›à¤¾à¤à¤ दोधारी तलवार जैसी होती हैं। यदि वे पूरी नहीं हà¥à¤ˆ तो हमें तकलीफ होती है और हम उमà¥à¤®à¥€à¤¦ à¤à¥€ खो देते हैं। यदि इचà¥à¤›à¤¾à¤à¤ पूरी हो जाती हैं तो हमारा अहंकार बढ़ सकता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हम असà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ खà¥à¤¶à¥€ का अनà¥à¤à¤µ करते हैं। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के आनंद का सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ असà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ है, जो असीमित खà¥à¤¶à¥€ की तलाश को जारी रखने का कारण बनता है।
चलिà¤! आपके सामने हम इस रहसà¥à¤¯ को उजागर करते हैं – आप ही इन सबके सà¥à¤°à¥‹à¤¤ हैं। आप सà¥à¤µà¤¯à¤‚ ही आनंद और शांति का खज़ाना है, अकलà¥à¤ªà¤¨à¥€à¤¯! असल में, आप खà¥à¤¦ खà¥à¤¶à¥€ हैं। अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ की धूल की परत ने सतà¥à¤¯ को ढक दिया है। जिसे दूर करने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है।
कà¥à¤› लोग à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤•à¤µà¤¾à¤¦ के परे चले जाते हैं। उनका मानना है कि जीवन में सबसे अचà¥à¤›à¥€ चीज़ें à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• वसà¥à¤¤à¥à¤à¤ नहीं बलà¥à¤•à¤¿ कà¥à¤·à¤£ हैं। लेकिन कà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ से à¤à¥€ अधिक महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ ‘वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨’, है, जो अà¤à¥€ है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हम वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में हैं। इसका अरà¥à¤¥ असल में हम इस कà¥à¤·à¤£ में जिंदा हैं! खà¥à¤¦ को जिंदा महसूस कर रहे हैं।
हमारी गलत धारणा के कारण हमें लगता है कि खà¥à¤¶à¥€ बाहरी चीज़ों से मिलती है। हम अंतहीन रूप से बाहरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की तरफ अपने पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ केंदà¥à¤°à¤¿à¤¤ करते हैं। जब à¤à¥€ हम उस चीज़ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर लेते हैं, जो हम चाहते हैं तब उस इचà¥à¤›à¤¾ के पूरà¥à¤£ होते ही मन की चंचलता असà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ रूप से कम हो जाती है। तब वह कà¥à¤› कà¥à¤·à¤£ उस खà¥à¤¶à¥€ को पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ करती है, जो हमारे à¤à¥€à¤¤à¤° सदा से ही मौजूद है।
लेकिन हम इस बात को पहचानने में नाकाम हो जाते हैं कि यह खà¥à¤¶à¥€ तो हमारे à¤à¥€à¤¤à¤° शà¥à¤°à¥‚ से ही उपलबà¥à¤§ है और हम गलती से इचà¥à¤›à¤¾à¤“ं के पूरे होने के साथ खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के कà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ की à¤à¤²à¤•à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को जोड़ देते हैं। जितना अधिक हम इस तरह की असà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ खà¥à¤¶à¥€ का अनà¥à¤à¤µ करते हैं, उतना ही हमें विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ होता जाता है कि हमारी खà¥à¤¶à¥€ सांसारिक चीज़ों में, लोगों में तथा संजोकर रखे गठकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ में है। फिर हम उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ चीज़ों की इचà¥à¤›à¤¾ करना जारी रखते हैं, जो खà¥à¤¶à¥€ के सà¥à¤°à¥‹à¤¤ को खोने की कीमत पर मिलती हैं। वह सà¥à¤°à¥‹à¤¤, जो हम खà¥à¤¦ हमेशा से हैं! हम आपको à¤à¤• सरल समाधान बता रहे हैं – आप इचà¥à¤›à¤¾à¤“ं का पीछा करने की अपनी आदत को छोड़ दें। जब आप इचà¥à¤›à¤¾à¤“ं को जाने देते हैं तो आप वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में अधिक जीना शà¥à¤°à¥‚ कर देते हैं और जीवन को पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ करने के तरीके का आनंद à¤à¥€ लेते हैं। आप अपने आस-पास की सीधी-सरल घटनाओं में जीवन के चमतà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ का अनà¥à¤à¤µ करना शà¥à¤°à¥‚ करते हैं।
जब इचà¥à¤›à¤¾à¤“ं को अलगाव की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से देखा जाता है तब आपको आपकी गहरी इचà¥à¤›à¤¾ दिखाई देती है। उदाहरणारà¥à¤¥ आपके à¤à¥€à¤¤à¤° जागृत होनेवाली धन की इचà¥à¤›à¤¾, à¤à¤°à¤ªà¥‚र की इचà¥à¤›à¤¾, सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ का अनà¥à¤à¤µ करने की गहरी इचà¥à¤›à¤¾ से उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होती है। आप केवल अपनी मूल इचà¥à¤›à¤¾ को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखें और अपने आपको दूसरी, छोटी-मोटी इचà¥à¤›à¤¾à¤“ं से अलग करें।
जब आप खà¥à¤¦ को वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ कà¥à¤·à¤£ में पाते हैं और अपने आस-पास के चमतà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को होता हà¥à¤† देखते हैं तब आपकी आंतरिक खà¥à¤¶à¥€ खिल जाà¤à¤—ी। आखिरकार, आपकी सà¤à¥€ इचà¥à¤›à¤¾à¤à¤- पà¥à¤°à¥‡à¤®, आनंद और मौन की इचà¥à¤›à¤¾ में जà¥à¤¡à¤¼ जाती हैं, जो असीम और सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ रूप से केवल अपने अंदर मौजूद है, किसी à¤à¥€ बाहरी निरà¥à¤à¤°à¤¤à¤¾ से मà¥à¤•à¥à¤¤à¥¤ आप ही अपने सà¥à¤µà¤¯à¤‚ के असीम, बेशरà¥à¤¤ आनंद का सà¥à¤°à¥‹à¤¤ हैं।
~ सरशà¥à¤°à¥€ की शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ं पर आधारित
Add comment