à¤à¤• बार à¤à¤• राजा ने अपने पड़ोसी राजा को तीन फूल à¤à¤¿à¤œà¤µà¤¾à¤à¥¤ तीनों फूलों का रंग-रूप, सà¥à¤—ंध इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ à¤à¤• जैसा था। फूल ले जानेवाले दूत को आदेश दिया गया कि राजदरबार में तीनों फूल दिखाकर राजा से पूछना कि ‘इन तीनों फूलों में से असली फूल कौन सा है और जो à¤à¥€ जवाब मिले, वह आकर बताना।’ दरअसल इस सवाल के माधà¥à¤¯à¤® से राजा जानना चाहता था कि उसके पड़ोसी राजा के दरबार या राजà¥à¤¯ में कोई समà¤à¤¦à¤¾à¤° इंसान है या नहीं।
राजा के आदेशानà¥à¤¸à¤¾à¤° दूत, पड़ोसी राजा के दरबार में गया। à¤à¤°à¥‡ राजदरबार में उसने सà¤à¥€ को तीन फूल दिखाते हà¥à¤ पूछा, ‘बताइठइनमें से असली फूल कौन सा है?’ दरबार के सà¤à¥€ लोग à¤à¤•-à¤à¤• करके नज़दीक आठऔर तीनों फूलों को टटोलकर देखने लगे। किसी को पहला फूल असली लगा, किसी को दूसरा तो किसी को तीसरा फूल असली लगा। लेकिन वहाठउपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ दरबारियों में से कोई à¤à¥€ निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ तौर पर नहीं बता पाया कि कौन सा फूल असली है। सà¤à¥€ मातà¥à¤° अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगा रहे थे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि तीनों ही फूल असली पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ हो रहे थे।
आखिरकार जब दरबारी इस बारे में à¤à¤•à¤®à¤¤ नहीं हो पाठतो राजा ने वजीर को बà¥à¤²à¤¾à¤¨à¥‡ का आदेश दिया। वजीर दरबार में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हà¥à¤†, उससे सलाह-मशवरा किया गया। वजीर समà¤à¤¦à¤¾à¤° था। उसने फूलों को देखा और मà¥à¤¸à¥à¤•à¤°à¤¾à¤¯à¤¾à¥¤ उसने दरबार में उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ सिपाहियों को आदेश दिया कि ‘महल की बगीचे की तरफ खà¥à¤²à¤¨à¥‡à¤µà¤¾à¤²à¥€ खिड़की खोल दी जाठऔर तीनों फूलों को उस खिड़की पर रखा जाà¤à¥¤â€™ उसके आदेश का तà¥à¤°à¤‚त पालन किया गया। कà¥à¤› ही देर में खिड़की से à¤à¤• मकà¥à¤–ी आई और à¤à¤• फूल पर बैठगई। वजीर ने उस फूल की ओर इशारा करते हà¥à¤ कहा, ‘यही है असली फूल कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मकà¥à¤–ी कà¤à¥€ नकली फूल पर नहीं बैठती।’ इस तरह साबित हो गया कि बाकी के दो फूल नकली हैं।
सवाल यह है कि जब तीनों ही फूल देखने में बिलकà¥à¤² असली लग रहे थे, फिर उस असली फूल में à¤à¤¸à¥€ कà¥à¤¯à¤¾ खासियत थी, जो मकà¥à¤–ी आकर उस पर बैठी? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह फूल जीवित था… वहाठजीवन था… वह वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ का फूल था। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ ही जीवन है।
उपरोकà¥à¤¤ कहानी में असली फूल पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है, हमारे वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ जीवन का। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ सबसे खूबसूरत, जीवित, तेज, ताजा, नया होता है। à¤à¥‚तकाल बासी (नकली) होता है और à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ मातà¥à¤° होता है इसलिठवरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ का महतà¥à¤¤à¥à¤µ है।
वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ इंसान को मिला हà¥à¤† कà¥à¤¦à¤°à¤¤à¥€ वरदान है; जबकि à¤à¥‚तकाल का बोठऔर à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की चिंता अà¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤ª समान है। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ का जादू इंसान को सजग बनाता है। इसके विपरीत अतीत में रहने की आदत सिरà¥à¤« बेहोशी बà¥à¤¾à¤¤à¥€ है और à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की चिंता तो चिता समान होती है। असà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾, डर, चिंता, बोरडम ये à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के बारे में किठगà¤, अनावशà¥à¤¯à¤• विचारों का फल है। à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ में उलà¤à¤•à¤° इंसान वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ रूपी फल को ठà¥à¤•à¤°à¤¾à¤¤à¤¾ है। इसलिठसà¤à¥€ सांसारिक सफलताà¤à¤ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के बावजूद à¤à¥€ उसे अपूरà¥à¤£à¤¤à¤¾ का à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ होता है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि पूरà¥à¤£à¤¤à¤¾ का à¤à¤¾à¤µ केवल वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ कà¥à¤·à¤£ में है।
तो कà¥à¤¯à¤¾ आप हमेशा पूरà¥à¤£à¤¤à¤¾ का à¤à¤¾à¤µ महसूस करना चाहते हैं? कà¥à¤¯à¤¾ आप आनंदित जीवन जीने के लिठयह संकलà¥à¤ª लेना चाहेंगे कि ‘मैं जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ समय वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में रहूà¤à¤—ा?’ कà¥à¤¯à¤¾ आप à¤à¥‚तकाल के à¤à¥‚त से मà¥à¤•à¥à¤¤ होना चाहते हैं? कà¥à¤¯à¤¾ आप à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की चिंता से मà¥à¤•à¥à¤¤ होकर, सचà¥à¤šà¥€ सफलता पाना चाहते हैं? अगर आपका जवाब ‘हाà¤â€™ है तो इसी कà¥à¤·à¤£ संकलà¥à¤ª करें, वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में रहने का! यह à¤à¤• संकलà¥à¤ª आपके संपूरà¥à¤£ जीवन को नई दिशा दे सकता है।
कà¥à¤¦à¤°à¤¤ में हर चीज़ नया रूप लेना चाहती है। à¤à¤• सामानà¥à¤¯ वृकà¥à¤· à¤à¥€ साल में à¤à¤• बार पतà¤à¥œ के मौसम में अपनी सारी पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ गिराकर, नया बनने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करता है। फिर उनकी जगह पर नई पतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ आ जाती हैं। इस तरह पूरा वृकà¥à¤· फिर से नया और हरा-à¤à¤°à¤¾ दिखने लगता है। इंसान को à¤à¥€ सदा नया बनने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करते रहना चाहिà¤à¥¤ अपनी सारी पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ सोच और वà¥à¤¯à¤°à¥à¤¥ की वृतà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से छà¥à¤Ÿà¤•à¤¾à¤°à¤¾ पाकर, वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में तरोताज़ा जीवन जीने का अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ करना चाहिà¤à¥¤ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ विलीन होकर वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में नया पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ होना, यह कà¥à¤¦à¤°à¤¤ का नियम है। अगर अपने जीवन में नई चीज़ें पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ करनी हैं तो आपको वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ की सà¥à¤‚दरता पर गौर करना होगा।
वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में जीने के पाà¤à¤š कदम
1- खाली होने की कला सीखें
à¤à¥‚तकाल अà¤à¥€ है नहीं और à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ आया नहीं है। इस समठके साथ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में कारà¥à¤¯ करें। जहाठआपको मातà¥à¤° उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहकर खाली होने की कला सीखनी है। कà¥à¤¦à¤°à¤¤ खालीपन बरदाशà¥à¤¤ नहीं कर पाती। जहाठकहीं à¤à¥€ रिकà¥à¤¤à¤¤à¤¾ होती है, वहाठउसे à¤à¤°à¤¨à¥‡ के लिठपहà¥à¤à¤š जाती है। अंदर हवा न हो तो खालीपन को à¤à¤°à¤¨à¥‡ के लिठबाहर से हवा को जोर से आना ही पड़ता है।
जब इंसान खाली हो जाता है तब जो कà¥à¤› à¤à¥€ उसके जीवन में आना चाहता है, वह सà¥à¤µà¤¤à¤ƒ ही आ जाता है। इसके लिठआपको केवल खाली होकर उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहना है और खाली होने के लिठकà¥à¤› समय अपनी साà¤à¤¸ पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना है।
जब à¤à¥€ मन विचारों से घिर जाठतब साà¤à¤¸à¥‹à¤‚ पर अपना धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ केंदà¥à¤°à¤¿à¤¤ करें, ‘अब साà¤à¤¸ अंदर जा रही है… अब साà¤à¤¸ बाहर आ रही है… यह वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में हो रहा है…।’ इससे धीरे-धीरे आप विचार शूनà¥à¤¯ होते जाà¤à¤à¤—े। बहà¥à¤¤ जलà¥à¤¦ ही आप पाà¤à¤à¤—े कि आप खाली होकर वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में आ गठहैं।
2- वॉच, वेट विथ वंडर के साथ आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ करें
वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में चलनेवाली घटनाओं को साकà¥à¤·à¥€ à¤à¤¾à¤µ से देखें और आनंद के साथ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ करें वरना पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ करना लोगों को बहà¥à¤¤ दà¥à¤ƒà¤–द लगता है। मगर आप आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ के साथ इंतजार करें, बिलकà¥à¤² उसी तरह जिस तरह बचà¥à¤šà¥‡ आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ के साथ à¤à¤•-à¤à¤• खिलौना उठाकर देखते हैं। उस समय उनकी आà¤à¤–ों में देखेंगे तो आप à¤à¥€ वही आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ महसूस कर पाà¤à¤à¤—े। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में आप आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ के साथ ऊरà¥à¤œà¤¾ से à¤à¤°à¥‡ हà¥à¤ होते हैं। वहीं दूसरी ओर à¤à¥‚त, à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के विचार वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ की शकà¥à¤¤à¤¿ को चà¥à¤¸ लेते हैं। यही कारण है कि इंसान खà¥à¤¦ को शकà¥à¤¤à¤¿à¤¹à¥€à¤¨, ऊरà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¹à¤¿à¤¤ महसूस करता है, खà¥à¤¦ को थका-थका सा पाता है। इसके विपरीत वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में रहने के अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ से इंसान अपनी शकà¥à¤¤à¤¿ को बचा पाता है।
3- मन को मंतà¥à¤° दें
जब à¤à¥€ मन कहे,‘अरे, à¤à¤¸à¤¾ होगा तो अचà¥à¤›à¤¾ होगा… à¤à¤¸à¤¾ नहीं, वैसा होना चाहिà¤â€™ तब उसे तà¥à¤°à¤‚त à¤à¤• मंतà¥à¤° दें, ‘हाठलेकिन à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में।’ à¤à¤¸à¤¾ कहने पर आप महसूस करेंगे कि मन सहजता से, सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤µ के साथ कारà¥à¤¯ करने लगा और काफी ऊरà¥à¤œà¤¾ की बचत होने लगी। कोई मितà¥à¤° आपसे कहे कि ‘इसे à¤à¤¸à¤¾ करना चाहिठथा… उसे वैसा बोलना चाहिठथा…’ तब आप सामनेवाले को à¤à¥€ कह सकते हैं, ‘हाठमगर à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में…’और à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ कà¤à¥€ à¤à¥€ आ सकता है। इसका आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ आपको तब होगा, जब आप देखेंगे कि सामनेवाला बिलकà¥à¤² वही कर रहा है, जो आप सोच रहे थे या वैसा ही हो रहा है, जैसा आप चाहते थे।
4- इस कà¥à¤·à¤£ सही बीज डालें
à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ अपने समय पर पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ होगा, आपको सिरà¥à¤« सही विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ बीज डालना है। जैसे घर आठमेहमान का दिल से सà¥à¤µà¤¾à¤—त करना, अपनी ओर से पà¥à¤°à¥‡à¤® और शांति का बीज डालने समान है। इसी तरह सहयोग, सदà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ और लोकमंगल की इचà¥à¤›à¤¾ रखकर आप उतà¥à¤¤à¤® बीज डालें और देखें कि इचà¥à¤›à¤¾à¤à¤ कैसे पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· रूप लेती हैं, साकार होकर पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ होती हैं।
5- खà¥à¤¦ जीओे जरूर, औरों को à¤à¥€ जीने दो
इंसान à¤à¥‚त और à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में à¤à¤¾à¤—कर, वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में केवल जीने की तैयारी करता है, जीता नहीं। à¤à¤¸à¥‡ में सवाल उठता है कि फिर जीने की सही तैयारी कैसे करनी चाहिà¤? जवाब है, ‘जीकर।’ जीने की तैयारी जीकर करें। जो जीकर दिखाते हैं, वे ही दूसरों के लिठनिमितà¥à¤¤ बनते हैं।
आपने यह पंकà¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤¨à¥€ होगी, ‘जीओ और जीने दो।’ लोगों ने इसका यह अरà¥à¤¥ निकाला कि खà¥à¤¦ चैन से जीओ, औरों को à¤à¥€ चैन से जीने दो। अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ लोगों को परेशान मत करो। आज लोग इसी अरà¥à¤¥ पर रà¥à¤• गठहैं। इस पंकà¥à¤¤à¤¿ का पहला शबà¥à¤¦ है ‘जीओ’। इस पर उनका धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ ही नहीं जाता। जबकि इसका वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• अरà¥à¤¥ है- जो सचà¥à¤šà¥‡ अरà¥à¤¥à¥‹à¤‚ में जीà¤à¤—ा, वही दूसरों को à¤à¥€ जीने देगा।
यदि आप à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯-à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ करते हà¥à¤ जी रहे हैं तो आपको देखकर आपके बचà¥à¤šà¥‡ à¤à¥€ वैसे ही जीà¤à¤à¤—े। इसका मतलब न आप खà¥à¤¦ जीà¤, न बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को जीने दिया। माता-पिता खà¥à¤¦ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में जीकर दिखाà¤à¤à¤—े तो बचà¥à¤šà¥‡ à¤à¥€ वही सीखेंगे।
वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ शकà¥à¤¤à¤¿ है। जो वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में रहना सीख जाता है, उसकी उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ हो जाती है। उसकी हर कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ होशपूरà¥à¤µà¤• होती है, जिससे उसका हर कारà¥à¤¯ सहजता और निपà¥à¤£à¤¤à¤¾ के साथ होता है। उसके आतà¥à¤® मनोबल में बà¥à¥‹à¤¤à¤°à¥€ होती है। उसका जीवन सहज à¤à¤µà¤‚ सरल बन जाता है। à¤à¤¸à¤¾ जीवन जो à¤à¥‚त-à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ से मà¥à¤•à¥à¤¤, शांत और सà¥à¤¥à¤¿à¤° है। जो जीवन शांतिमान है, वही शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ कहलाता है।
तो आइà¤, आज ही यह संकलà¥à¤ª करें, ‘मैं वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में रहकर शांतिमान और शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ जीवन जीना चाहता हूà¤à¥¤â€™ इस संकलà¥à¤ª से आप न सिरà¥à¤« खà¥à¤¦ के जीवन में बलà¥à¤•à¤¿ औरों के जीवन में à¤à¥€ सकारातà¥à¤®à¤• परिवरà¥à¤¤à¤¨ महसूस करेंगे।
इसी शà¥à¤à¥‡à¤šà¥à¤›à¤¾ के साथ आपके जीवन में वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ का आनंद, शकà¥à¤¤à¤¿à¤”र शांति फैले… हॅपी थॉटसॅ!
~ ​सरशà¥à¤°à¥€
One comment
Deepa dilip Karekar
thank you sirshree