अनेक में एकता का बल
क्या मात्र एक बूँद से सागर बन सकता है?
क्या सिर्फ एक रंग से इंद्रधनुष का निर्माण हो सकता है?
क्या केवल एक मोती से माला बनाई जा सकती है?
क्या केवल एक सुर से संगीत निकल सकता है?
‘नहीं! ऐसा संभव नहीं है लेकिन उस एक सुर से बाकी सुर मिल जाएँ तो सभी के संगम और ताल-मेल से सुरीली सरगम तैयार हो सकती है। उसी तरह एक इंसान जब ग्रुप में कार्य करता है तब टीम में एकता के बल से बड़े से बड़े कार्य बहुत कम समय में सफलतापूर्वक पूर्ण हो सकते हैं।
प्रस्तुत पुस्तक इसी उद्देश्य को पूर्ण करती है, जिसमें आप जानेंगे
* टीम में कौन से गुणों की नींव सबसे पहले रखी जाए
* टीम के लिए विश्वास का महत्त्व कब और कितना है
* सभी मिलकर एक ही दमदार लक्ष्य को साकार कैसे बनाएँ
* वार्तालाप करते वक्त टीम में किन बातों का ध्यान रखा जाए
* कौन से अवगुण टीम में रुकावटें पैदा करते हैं और उन्हें कैसे दूर किया जाए
* टीम लीडर की (हमारी) भूमिका कैसी होनी चाहिए
तो चलिए, देर किस बात की है! अपनी टीम के साथ इस पुस्तक को पढ़ना आरंभ करते हैं।
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