* परिवार में सभी एक-दूसरे के शुभचिंतक होते हैं लेकिन फिर भी सदस्यों के बीच झगड़े क्यों होते हैं?
* घर में सब एक-दूसरे का भला चाहते हैं, फिर भी एक-दूसरे के प्रति मनमुटाव क्यों हो जाता है? यह आश्चर्य की बात है।
* हर कोई चाहता है कि परिवार में सुख-शांति हो, फिर भी ऐसा नहीं होता, क्यों? क्या कारण है?
* क्या आपके पास इन सबका एक जवाब है? इसका सही जवाब मिलेगा आपको इस सुनहरी पुस्तक में।
* जब इंसान परिवार को सुनहरे नियम के धागे से सीता है तो रावण उस परिवार का कोई नुकसान नहीं कर पाता है।
* सुनहरे नियम से यदि हम हर रिश्ते को बॉंधेंगे तो कोई गैर इंसान, समस्या या रोग हमारे परिवार को खण्डित नहीं कर पाएगा।
* “सुनहरा नियम’ प्रेम का सच्चा धागा है, जो आपसी विश्वास को बॉंधने में आपकी मदद करेगा।
* परिवार का उपहार, जो ईश्वर ने आपको दिया है, उसे क्यों न सुनहरे नियम के ज्ञान से आज ही खोलें। पुस्तक खोलें।
* लोगों के साथ ऐसा व्यवहार करें, जैसा आप चाहते हैं कि लोग आपसे जो आप हैं, वह जानकर व्यवहार करें’
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