२०-२० ज़िंदगी की नई सुबह कैसे हो
ज़िंदगी में कई बार हमें स्वयं को समेटने की ज़रूरत पड़ती है। दुःख… तनाव… परेशानी आकर हमें तोड़ देते हैं और ऐसा लगता है कि हमारी ज़िंदगी की वापस सुबह नहीं होगी। जबकि हर बार नई सुबह होती है जो हममें जोश… नयापन… पुरानी बातों से मुक्ति की भावना जगाती है और हम स्वयं को समेटकर उठ खड़े होते हैं।
यदि सोच सको तो सोच लो कि यह नई सुबह अंधेरे के बाद ही क्यों आए? क्या यह सुबह अंधेरा होने से पहले आ सकती है? क्यों नहीं! यदि हर अंधेरे पर गहराई से मनन हुआ हो तो वह हमारी ज़िंदगी से हमेशा के लिए रुकसत हो सकता है।
हरेक को अपने अंधेरे पर यानी अपनी गलत आदतों, बुरी भावनाओं, पुरानी वृत्तियों पर कार्य करना है। इस पर कैसे कार्य करना है, यह आपको प्रस्तुत पुस्तक बताएगी।
इसमें आप पढ़ेंगे-
* २०-२० भविष्य का निर्माण कैसे करें
* ‘अच्छा लगने’ का राज़ क्या है
* कुदरत में कौनसे भाव बीज डालें
* संघर्ष युक्त जीवन से मुक्ति कैसे पाएँ
* अपनी मासूमियत को बरकरार कैसे रखें
* मुकाबले की भावना से हो रहे नुकसान से कैसे बचें
* आदर के अहंकार को कैसे मिटाएँ
* अपनी मदद खुद कैसे करें
Reviews
There are no reviews yet.