माया के अंधेरे के बीच भक्ति की ज्वाला
आज के समय में ईश्वर प्रेमियों की सबसे बड़ी मुश्किल यही है कि इतने संसारी संसाधनों और आकर्षणों के बीच, असत्य भरे माहौल में रहकर भक्ति कैसे की जाए? यह कला अगर सीखनी है तो शबरी से बेहतर उदाहरण और कौन होगा, जिसने तामसिक और असत्य से भरे मायावी वातावरण के बीच रहते हुए भी भक्ति की शीतल अग्नि का चुनाव किया, श्रीराम का चुनाव किया।
शबरी ने उस माहौल को छोड़ दिया, उस संगति को त्याग दिया, जो उसे भक्ति करने से रोकते थे लेकिन उसने भक्ति नहीं छोड़ी। इस ग्रंथ में महान रामभक्त ’शबरी’ का भक्तिमय जीवन दर्शाया गया है, जिसे पढ़कर और उस पर मनन कर हम सीख सकते हैं-
* क्यों शबरी को लेडी बुद्धा कहा जाना चाहिए?
* शबरी का अज्ञातवास किस भक्ति भाव में व कैसे गुज़रा?
* सेवा की गहराई नापनी है तो शबरी के जीवन से कैसे सीखें?
* शबरी के झूठे बेरों का आंतरिक रहस्य क्या है?
* शबरी के अतीत का वर्तमान और भविष्य से क्या संबंध है?
* शबरी की ग्रहणशीलता, गुरुभक्ति, प्रेम और समर्पण कैसा था?
* शबरी जैसे जीवन जीना क्या आज संभव है?
इस ग्रंथ द्वारा शबरी के महान चरित्र पर मनन करते हुए ये सभी बातें आपके जीवन में सहज ही उतरेंगी। जिससे विपरीत और प्रतिकूल माहौल में रहते हुए भी आपकी भक्ति उस उच्चतम स्तर तक पहुँचेगी, जिसका परिणाम राम रूपी ईश्वर से मिलन होता है।
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