जीवन की युद्ध जीतने का रहस्य खोलनेवाली मास्टर की
‘अभी मेरे पास इन बातों के लिए जरा भी फुरसत नहीं है… देखते नहीं मेरे पास कितने काम हैं… कितनी जिम्मेदारियाँ हैं… हम कितने संघर्ष कर रहे हैं…!’ संसार में चल रही उठक-बैठक के बीच खुद को बचाने और आगे बढ़ने के तनाव में जीते आज के इंसान से यदि अध्यात्म और मुक्ति की बात की जाए तो वह ऊपर लिखे हुए शब्द कहेगा।
ऐसे में यदि उससे कहा जाए कि ‘एक ऐसी युक्ति है जिससे आपके संघर्ष खेल बन जाएँगे, आपके काम, आपकी जिम्मेदारियाँ न सिर्फ सहजता से पूरी होंगी बल्कि वे ही आपको आनंद भी देंगी। समाधान के लिए आपको कहीं और जाने की जरूरत नहीं…’ तो उसका जवाब क्या होगा? ‘अरे! जल्दी बताओ, ऐसी कौन सी मास्टर ‘की’ (चाबी) है, जो मेरी सारी समस्याओें के ताले खोल सकती है?’ जी हाँ ऐसी ही अद्भुत ‘मास्टर की’ लेकर यह ‘गीता यज्ञ’ आपकी सेवा में हाजिर है, जो आपको सिखाएगा-
* हँसते-खेलते सहज, सफल जीवन कैसे जीएँ?
* कर्म करने का सही तरीका क्या है?
* संसार में रहते हुए, अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए, कैसे स्वबोध पाएँ?
* सुख-दुःख के चक्र से बाहर निकलकर महाआनंदित जीवन कैसे पाएँ?
श्रीकृष्ण ने जो ‘मास्टर की’ अर्जुन को महाभारत में दी थी, वही इस ग्रंथ द्वारा आपको मिलने जा रही है, वह भी आज की भाषा में, आज की जरूरत के अनुसार। इस चाबी को पाकर आप अपने जीवन की हर युद्ध जीतने का रहस्य खोल सकते हैं।
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