जीवन के हर मोड़ पर इंसान को मार्गदर्शन की जरूरत पड़ती है। चाहे बाल्यावस्था हो, किशोरावस्था हो, युवावस्था हो या वृद्धावस्था। इंसान को माता-पिता, शिक्षकों का मार्गदर्शन तो सहज ही मिल जाता है। इससे वह एक ऊँचे मुकाम पर पहुँच भी जाता है लेकिन जब उसे दिव्य मार्गदर्शन मिलता है तब उसके जीवन में चमत्कार होता है, वह सफलता की बुलंदियों को छूता है।
खुश व आनंदित लोग ही ईश्वर के इस मार्गदर्शन को पहचानकर खुशी फैला पाते हैं। वरना दुःखी लोग सारी जिंदगी बेसुरा राग आलापते हुए जान तक नहीं पाते कि वे किस अनमोल चीज से महरूम रहे। इसलिए यह पुस्तक न केवल ईश्वर से मार्गदर्शन पाने का तरीका सिखाती है बल्कि हमें हर कार्य हॅंसते हुए करना भी सिखाती है। इस पुस्तक में पढ़ें –
ईश्वरीय मार्गदर्शन में आनेवाली 7 बाधाएँ
* मार्गदर्शन पाने की तैयारी करने के 7 तरीके
* मार्गदर्शन के 7 कदम
* ईश्वरीय संकेतों को पहचानने के तरीके
* हर कार्य हॅंसते हुए कैसे करें
* इस पुस्तक को पढ़कर ईश्वरीय मार्गदर्शन पाने की हर संभावना को खोलें।
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