निराशा में आशा की किरण
आशा की उड़ान कितनी ऊँची हो सकती है, इसकी कल्पना करें। यह उड़ान इंसान में ही संभव है क्योंकि वही एक ऐसा प्राणी है, जो आशा-निराशा में गोते लगाते रहता है।
जब जीवन में निराशा जुड़ जाती है तो यही उड़ान नीचे की ओर गिरने लगती है। इंसान स्वयं को लाचार महसूस कर दुःख में, डिप्रेशन में जीने लगता है। उसे पता नहीं है कि आशावादी विचार क्या कर सकते हैं।
आशा की किरण दिखे बिना भी यदि कोई अपने विचारों पर काम करना शुरू करे तो वह दुःख की दवा प्राप्त कर लेगा। डिप्रेशन का इलाज उसके खुद के अंदर ही पा लेगा।
मनुष्य के अंदर सारे जवाब पहले से ही उपलब्ध हैं। केवल उन्हें टैप करना है, क्लिक करना है। बिना क्लिक किए आपके मोबाइल में भी कुछ खुलता नहीं तो अपने अंदर के जवाब कैसे खुलेंगे? इसलिए इंसान को भी क्लिक करना सीखना होगा।
इस पुस्तक में ऐसे तरीके बताए गए हैं, जिनकेउपयोग से निराशा से घिरा इंसान जीने की चाह पाकर आशा की उड़ान भर सकता है। इस पुस्तक में पढ़ें :
• स्वास्थ्य की शक्ति को बाहर लाने के लिए काउन्सलर कैसे बनें?
• क्या हैं डिप्रेशन से बाहर आने के आसान और प्रभावशाली उपाय?
• डिप्रेशन से बचने के लिए क्या सावधानी बरतें?
• छोटे और कारगर मंत्र वाक्यों के ज़रिए निराशा से कैसे बाहर आएँ?
• निराशा से फोकस हटाने के विभिन्न तरीके क्या हैं?
• क्या है डिप्रेशन भगाने का उच्चतम टूल?
• निराशा में आशा की किरण क्या है?
• कैसे डिप्रेशन से मुक्ति के लिए जीने की चाह और आशा की राह
• मददगार साबित हो सकती है?
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