क्या आप किसी ऐसे महापुरुष का जीवन चरित्र पढ़ना चाहेंगे, जिसने अपने ध्येयपूर्ति के लिए अपना समस्त जीवन समर्पित किया? और वह ध्येय भी ऐसा, जिसकी सफलता का परिणाम सैकड़ों साल बाद भी समाज में देखने को मिलता है। ये महापुरुष हैं, समर्थ रामदास! सत्रहवीं शताब्दी में इस महान तपस्वी ने समाज में धर्मरक्षा और राष्ट्रभावना की ज्योत प्रज्ज्वलित की। अपनी प्रज्ञा और प्रभावशाली वाणी के दम पर उन्होंने समाज में संघटन शक्ति बनाई। उनकी जीवनगाथा इस पुस्तक में प्रस्तुत करने का यह छोटा सा प्रयास है।
किसी संत या महापुरुष का जीवन चरित्र उनकी सीख को समाहित किए बिना अधूरा है। संतों द्वारा दी गई सीख समयातीत होती है। वह युगों तक हमारे जीवन में मार्गदर्शक बनती है। समर्थ रामदास द्वारा रचित सभी महत्वपूर्ण ग्रंथ मराठी भाषा में उपलब्ध हैं। उनमें से ‘मनाचे श्लोक’ और ‘दासबोध’ महाराष्ट्र में बहुत ही प्रचलित हैं। भाषा की मर्यादा, किसी को इन महान रचनाओं के तत्व से वंचित न रखे इसलिए उनमें से कुछ चुनिंदा भागों का हिंदी प्रस्तुतीकरण भी इस पुस्तक में समाहित है।
ये रचनाएँ आपके जीवन में आंतरिक और व्यवहारिक उन्नति लाने में कारगर साबित होंगी।
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