निर्णय लेने का आसान तरीका – दुनिया का सबसे छोटा मंत्र
क्या होगा आपका निर्णय?
हरेक इंसान के दिनचर्या का मुख्य भाग होता है- निर्णय लेना। सुबह आँख खोलते ही इंसान निर्णय लेने के लिए चुनाव करना आरंभ कर देता है- अलार्म बंद करके उठ जाए या पॉंच मिनट और सो जाए? लाल शर्ट पहने या नीली शर्ट ज़्यादा बेहतर लगेगी? सामने से आनेवाले इंसान को पहचान दिखाएँ या न दिखाएँ? काम अभी पूरा कर लें या कल के लिए छोड़ दें? झूठ बोलें या क्रोध करें? जब सामने दो विकल्प हों- एक आसान और एक सही तब आसान का चुनाव करना सही होगा या सही का चुनाव करना खुद के लिए आसान होगा? निर्णय लेने का आसान तरीका क्या है?
इंसान का छोटे से छोटा निर्णय भी उसके जीवन के घटनाक्रम को बदलने की काबिलियत रखता है। इस किताब में किरदारों के जीवन से यही संदेश मिलता है कि किसी भी तरह का निर्णय इंसान की ज़िंदगी सॅंवार भी सकता है या बिगाड़ भी सकता है। इस किताब की खासियत यह है कि कहानी के किरदारों के जीवन की बागडोर पाठक के हाथ में है यानी आप खुद इन किरदारों के जीवन के चित्रकार हैं। इन किरदारों के जीवन में घट रही घटनाओं का चुनाव आप खुद करेंगे! यह पूरी तरह से आपके चुनाव पर निर्भर करता है कि इन किरदारों का भविष्य कैसा रूप लेगा? क्या आपके हाथों इन किरदारों को जीवन के हर स्तर पर सफलता प्राप्त हो पाएगी?
क्या होगा आपका चुनाव?
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इच्छाशक्ति – विल पावर का चमत्कार
अपनी इच्छाशक्ति को कैसे जगाएँ
* क्या आप हर साल की शुरुआत में संकल्प लेकर उसे पूरा करना चाहते हैं?
* क्या आप सुबह जल्दि उठकर व्यायाम करना चाहते हैं?
* क्या आप गलत आदतों से छूटकारा पाकर, स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं?
* क्या आप अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहते हैं?
* क्या आप क्षणिक मोह में फँसकर अनावश्यक चीज़ें खरीदने से बचना चाहते हैं?
यदि ‘हाँ’ तो इस पुस्तक की मदद से अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत बनाएँ। इंसान की चाहत बुलंद है तो उसे कहीं न कहीं से रास्ता मिल ही जाता है। अन्यथा वह बहानों में बहकर अपनी इच्छाशक्ति को कमज़ोर बना देता है।
जैसे कई बार पता होने के बावजूद कि सेहत का खयाल रखना आवश्यक है, इंसान उट-पटांग चीजें खा लेता है और बहाने देता है कि ‘फलाँ ने बहुत जबरदस्ती की…’ या ‘खाना फेंकना सही नहीं है इसलिए खा लिया…’ आदि। ऐसे में उसे समझना होगा कि ‘कहीं यह बहाने तो नहीं हैं… असल में मेरी इच्छाशक्ति कमजोर तो नहीं।’
तो आइए, इस पुस्तक द्वारा जानें अपनी इच्छाशक्ति को दृढ़ बनाने के आसान उपाय क्योंकि इच्छाशक्ति वह साधन है, जिसके ज़रिए आप अपने जीवन में आश्चर्यजनक परिणाम पा सकते हैं।
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स्वसंवाद का जादू – अपना रिमोट कंट्रोल कैसे प्राप्त करें
स्वसंवाद यानी स्वयं से बातचीत करना। जिसे एकांत में, मन में या ग्रुप में दोहराने से अप्रत्याशित परिवर्तन का आभास हो सकता है। यह तभी कारगर होता है जब व्यक्ति जीवन के रिमोट कंट्रोल द्वारा अपने मन, शरीर, बुद्धि, चेतना और लक्ष्य पर नियंत्रण रखता है। इसी विषय पर सरश्री तेजपारखी द्वारा लिखी गई पुस्तक “स्वसंवाद का जादू’ स्वसंवाद के माध्यम से उत्तम जीवन पाने के रहस्य से परिचित कराती है।
मूलतः 5 खण्डों में विभक्त इस पुस्तक के हरेक खण्ड में अनेक रोचक कहानियों द्वारा इसके महत्त्व को गहराई से समझाया गया है। स्वसंवाद के द्वारा पाठक सुख-दुःख के रहस्य, विचारों की दिशा, स्वसंवाद संदेश, रोग निवारण, सेल्फ रिमोट कंट्रोल, कार्य की पूर्णता, नफरत से मुक्ति, उत्तम स्वसंवाद और नए विचारों को प्राप्त करने के उपाय जान सकते हैं। सरश्री कहते हैं – सकारात्मक स्वसंवाद पर विश्वास रखने से ही उत्तम जीवन जीने का पथ प्रशस्त हो सकता है। भावनाओं में भक्ति और शक्ति की युक्ति द्वारा कुदरत से सीधा संवाद स्थापित किया जा सकता है।
कुल मिलाकर यह पुस्तक स्वसंवाद की महत्ता को रेखांकित करते हुए पाठकों को नई दिशा देती है। पुस्तक में अधिकतम सरल शब्दों का ही प्रयोग हुआ है, जिससे पाठकों का हर वर्ग आसानी से शब्दों के सार ग्रहण कर लेता है। वहीं कहानियों और उदाहरणों का अनूठा प्रयोग पाठकों को आकर्षित भी करता है।
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संपूर्ण लक्ष्य – संपूर्ण विकास कैसे करें
जीवन में लक्ष्य का निर्धारण अति आवश्यक है। बिना नियोजित लक्ष्य के अपेक्षित परिणाम की आशा ही व्यर्थ है। संपूर्ण विकास इंसान का लक्ष्य होता है किंतु जागरूकता के अभाव में लक्ष्य आधा-अधूरा रह जाता है।
यह पुस्तक इसी विषय पर केंद्रित है, जो इंसान को संपूर्ण, शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, सामाजिक व आध्यात्मिक विकास की दिशा में मार्गदर्शन कराती है। जिससे वह स्वत: संपूर्ण विकास का लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। पुस्तक में तेजगुरू सरश्री तेजपारखी के प्रेरक प्रवचनों एवं लेखों का संकलन किया गया है। पुस्तक मुख्यत: 6 खण्डों में विभक्त है। प्रथम खण्ड विद्यार्थियों तथा सफलता चाहनेवाले लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है। शेष खण्डों में शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, सामाजिक आदि विकास के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला गया है। पुस्तक में भय, क्रोध, चिंता, अहंकार, ईर्ष्या आदि को संपूर्ण विकास की राह का रोड़ा बताया गया है और सरल शब्दों में इन विकारों से मुक्ति पाने की युक्ति का वर्णन किया गया है। लक्ष्य त्रिकोण द्वारा जीवन को दिशा देकर कैसे संपूर्ण विकास का मार्ग तय किया जा सकता है, यह पुस्तक द्वारा विधिपूर्वक बताया गया है।
पुस्तक में वर्णित सरश्री के विचार लोक जीवन पर दूरगामी सकारात्मक प्रभाव डालनेवाले हैं। वैचारिक द्वंद्व में फॅंसे पाठक जिन समस्याओं से हताश हो गए हों, पुस्तक उन्हें उबारने में संजीवनी का काम कर सकती है। पुस्तक में प्रयुक्त भाषा सरल, गंभीर और बोधगम्य है, जिसे पाठक रुचिपूर्वक ग्रहण कर सकता है।
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समग्र लोक व्यवहार – मित्रता और रिश्ते निभाने की कला
लोक व्यवहार चुनने की आज़ादी आपके हाथ में
आश्चर्य की बात है कि इंसान अपना व्यवहार खुद चुनकर नहीं करता| उसका व्यवहार दूसरों के व्यवहार पर निर्भर होता है| जैसे ‘उसने मेरे साथ गलत व्यवहार किया इसलिए मैंने भी उसे भला-बुरा कहा… उसने मुझसे टेढ़े तरीके से बात की इसलिए मैंने क्रोध किया…’, ऐसी बातें तो अकसर आप सुनते व बोलते हैं| इसका अर्थ है कि सामनेवाला जैसा चाहे, वैसा व्यवहार हमसे निकलवा सकता है| यह दिखाता है कि हम बँधे हुए हैं| स्वयं को इस बंधन से मुक्त करने के लिए लोक व्यवहार की कला सीखें| इस पुस्तक से आप सीखेंगे –
* व्यवहार चुनने के लिए आज़ाद होने का मार्ग और उस पर चलने का राज़
* उच्चतम व्यवहार कब-कैसे किया जाए
* रिश्तों में सफलता हासिल करने के लिए लोक व्यवहार का सही तरीका
* मित्रता और रिश्ते निभाने की कला
* चार तरह के व्यवहार का ज्ञान
* सही समय पर सही व्यवहार कैसे किया जाए
* समग्र व्यवहार सीखने की विधि
* दर्द और दुःख में योग्य व्यवहार करने की कला
यह पुस्तक आपको मित्रता और रिश्ते निभाने तथा समग्र लोक व्यवहार की कला सिखाएगी| यह पुस्तक समग्र जीवन की कूँजी है| इस कूँजी द्वारा आप लोक व्यवहार कुशलता के खज़ाने का ताला बड़ी कुशलता से खोल पाएँगे|
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