हर इंसान नियंत्रित जीवन जीने की चाहत रखता है साथ ही वह आनंदित, संतोषजनक तथा अर्थपूर्ण जीवन जीना चाहता है। साधारणतः सभी की यही इच्छा होती है। परंतु बहुतों को इसे प्राप्त करने में असफलता ही हाथ लगती है, ऐसा क्यों? तेजगुरु सरश्री के पास इसके सारे जवाब हैं और इस प्रवचन के द्वारा वे सिखाते हैं कि अपने जीवन को अपने नियंत्रण में कैसे रखेंतथा आनंदित और शांति से कैसे रहें। तेजगुरु बताते हैं कि अपने जीवन को अपने काबू में रखने हेतु दुःखी होकर, अपनी मानसिक शांति को त्याग देने की आवश्यकता नहीं है। तेजगुरु के विचार इस प्रकार हैं-
इंसान के पास जब बहुज सारा खाली समय हो अगर वह बेहोश है तो दोनों मिलकर, उसे बरबादी की तरफ ले जाते हैं। दूसरी ओर खाली समय में ज्ञान प्राप्त करने और सजगता बढ़ाने से आपके अंदर रचनात्मकता बढ़ती है, व्यक्तित्व विकसित होता है तथा आत्मसाक्षात्कार की प्राप्ति होती है। प्रस्तुत प्रवचन से आपको इन सारे सवालों के जवाब मिल सकते हैं:
* जीवन के चार प्रकार कौनसे हैंतथा इनमें से सबसे ज्यादा प्रभावशाली और रचनात्मक कौनसे हैं?
* इंसान को सरलता से सीधा सहज और सरल जीवन कैसे जीना चाहिए?
* कौनसे चार प्रबल कारण हैं, जिनसे जीवन नष्ट कर सकते हैं, क्रोध, डर, खाली समय तथा अस्वस्थ मनोरंजन के साधनों की कौनसी भूमिका है।
* जीवन में दुःख लानेवाले बाहरी कारण कौनसे हैं? (झूठे सिद्धांत क्या है?)
* एक सार्थक और शक्तिशाली जीवन जीने के पीछे कौनसे सरल रहस्य छिपे हुए हैं?
Reviews
There are no reviews yet.