समस्या… विकास का सुनहरा मौका!
‘प्यास लगने के बाद नहीं बल्कि बहुत पहले ही कुआँ खोदना चाहिए’ इस पर सभी सहमत होते हैं। फिर समस्या आने से पहले ही समाधान प्राप्त करने का प्रशिक्षण क्यों नहीं लिया जाता? इसका जवाब जानने के लिए पढ़ें –
समस्याओं का सामना किस तरह करें ताकि समस्याओं का दु:ख ही समाप्त हो जाएँ।
* आपकी समस्या में ही छिपा समाधान किस तरह खोजा जा सकता है।
* समस्या में समाधान के साथ-साथ कौन सा उपहार छिपा होता है।
* समस्या आने पर सबसे पहले क्या करें।
* समस्या मुक्ति मंत्र का इस्तेमाल कैसे किया जाता है।
* किस तरह आपकी समस्या आपकी है ही नहीं!
जिन पौधों की ज़िंदगी में तूफान आते हैं, वे ही मज़बूत बन पाते हैं और जिन पौधों ने कभी तूफान नहीं झेला होता, वे बड़े होने के बाद भी एक ही तूफान में उखड़ जाते हैं। तूफान झेल-झेलकर पेड़ की जड़ें इतनी मज़बूत हो जाती हैं कि फिर चाहे कितनी भी तूफानी हवाएँ चलें, पेड़ को फर्क नहीं पड़ता।
यहाँ पेड़ इंसान का और तूफान इंसान की समस्याओं का प्रतीक है। इसलिए इसी क्षण से अपनी समस्याओं को विकास के सुनहरे मौके (वरदान) के रूप में देखना शुरू कर दो! इस छोटे से बदलाव के बाद आप आश्चर्य से भरे समस्या मुक्त जीवन का आनंद लेना शुरू कर देंगे।
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