बोरडम – एक बीमारी
बोरडम एक प्रकार की नकारात्मक भावना (विकार) ही कही जा सकती है। बोरडम का महसूस होना यह दर्शाता है कि आपका मन गलत दिशा में जा रहा है। आपका लक्ष्य एक तरफ है और आपका मन विपरीत दिशा में जा रहा है। जब भी कोई नकारात्मक भावना आपके मन को विचलित करे तो समझ जाएँ कि लक्ष्य से आपका तालमेल बिगड़ गया है। जब आप अपना हर कार्य लक्ष्य की तरफ तरंगित (ट्यून्ड) कर देंगे तब आपके मन में सकारात्मक भावों का आगमन होगा और आप हर तरफ सकारात्मक उमंग को महसूस कर पाएँगे।
बोरडम एक ऐसी बीमारी है, जो इंसान को शरीरहत्या तक करने के लिए मजबूर कर सकती है। जब इंसान बोरडम महसूस करता है तब वह अपने मन का मनोरंजन करने के लिए अलग-अलग तरीके ढूँढ़ता है। जबकि उसे अपने आपसे यह सवाल पूछना चाहिए कि ‘मेरे अंदर कौन बोर हो रहा है?’ जब इंसान इस सवाल का जवाब जानेगा तब वह उत्साह से उत्सव मनाएगा। बोरडम का विकार उसके लिए उत्साह वरदान बनेगा।
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काश से आकाश की ओर
‘काश! ऐसा होता… काश! वैसा होता… काश! मुझे यह मिल जाता… काश! मैं ऐसा होता… काश! बारिश होकर मौसम सुहावना हो जाए… काश! बारिश रुक जाए तो कपड़े सूख जाएँ ..।’ इंसान का जीवन हर पल ‘काश!’ की अंतहीन सूची से भरा पड़ा है। ‘काश!’ एक ऐसी मृगतृष्णा का नाम है जो इंसान को पूरे जीवन अतृप्त और निराधार इच्छाओं के रेगिस्तान में भटकाती रहती है। जहाँ इंसान को दुःखों और निराशा के सिवाय कुछ हाथ नहीं आता और उसका पूरा जीवन यूँ ही व्यर्थ चला जाता है। जब हम अपने जीवन को वह जैसा है, वैसा नहीं स्वीकारते तब हम ‘काश!’ की डूबती कश्ती में सवार होकर स्वयं को दुःख, निराशा, अवसाद की भँवर में डुबो लेते हैं।
यह पुस्तक आपको इस काश के चंगुल से मुक्त कराकर आकाश (पूर्ण आनंद) की कश्ती में सैर कराने के लिए निमित्त बनकर आई है। इसे गंभीरता से पढ़ें, अपने जीवन में चुभनेवाले ‘काश’ के काँटों को खोज-खोजकर निकालें और उनसे मुक्त होकर आकाश की मुफ्त सैर का आनंद लें। इस सैर के दौरान आपके सामने जीवन की खूबसूरती और महान रहस्य उजागर होंगे।
आकाश की इस आनंदमयी यात्रा के लिए आपको हमारी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएँ, हॅपी थॉट्स।
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बेचैनी से चैन की ओर…
इंसान विश्व की सारी करतूतें मन की बेचैनी से मुक्ति पाकर आनंद की खोज में करता है मगर वह यह बात सर्वथा भूल जाता है कि सच्चा आनंद उसके अंदर ही छिपा हुआ है। बेचैनी से मुक्ति तथा सच्चा आनंद पाने के लिए कौन सी दिशा सही है, यह पता न होने की वजह से जीवनभर इंसान बाहरी बातों में आनंद की तलाश करता रहता है। आनंद पाने की यात्रा में इंसान उन्हीं तरीकों को अपनाता है, जो उसे मालूम हैं; जैसे स्वादिष्ट खाना खाना, वासना को प्रतिसाद देना, क्रिकेट मैच देखना आदि। उत्तेजना को ही आनंद समझकर इंसान उत्तेजना के पीछे भागता रहता है।
उत्तेजना में असली आनंद नहीं होता और उससे इंसान के मन की बेचैनी कम भी नहीं होती। मन की उत्तेजना कम समय के लिए और अस्थाई होती है। मन की बेचैनी से मुक्ति पाने का स्थाई मार्ग इस पुस्तक द्वारा समझें और शांत और आनंदित मन से जीवन का उद्देश्य पूरा करने के लिए तैयार हो जाएँ।
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ईश्वर का अस्तित्व कहें या इंसान का स्वभाव?
इस किताब का शीर्षक पढ़कर आपके मन में अनेक सवाल आ सकते हैं। निश्चिंत रहें, इस पुस्तक में इन सारे सवालों के जवाब आप सहजता से पा सकते हैं। इनके अतिरिक्त यह पुस्तक आपको नीचे दी गई निम्नलिखित जानकारी जानने में मददगार होगी :
* दुःख को स्वीकृति देकर हम ‘हाँ’ कहना कैसे सीखें?
* ‘नहीं’ या नास्तिकता को जीवन से कैसे दूर करें?
* आस्तिक एवं नास्तिक में क्या अंतर है?
* उलटा विश्वास या नास्तिकता से मुक्ति के सरल उपाय कौन से हैं?
* सीधा विश्वास या आस्तिकता के नए दृष्टिकोण से जीवन की ओर कैसे देखें?
* नहीं और हाँ से परे कौन सी अवस्था है और उसे कैसे पाया जा सकता है?
कई लोग अपनी गलतियों को नज़रअंदाज़ करके अपनी असफलता का इल्जाम ईश्वर पर लगाकर नास्तिक बन जाते हैं। लेकिन यह पुस्तक नास्तिकता और आस्तिकता की आपकी परिभाषा बदल देगी। नास्तिकता या आस्तिकता का संबंध ईश्वर के अस्तित्व से नहीं बल्कि इंसान के स्वभाव से जुड़ा है। इस किताब में आप जानेंगे कि किस तरह नास्तिकता इंसान के दुःखों का कारण बनती है और आस्तिक बनकर (हाँ कहकर) इंसान कैसे खुद अपनी खुशी का कारण बन सकता है।
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~ तनावः विकास की सीढ़ी ~
* इंसान को ही तनाव क्यों आता है, किसी जानवर को इंसानों की तरह तनाव क्यों नहीं आता?
* क्या केवल नौकरी करनेवालों को ही तनाव आता है?
* तनाव का सबसे बड़ा डॉक्टर कौन और कहाँ है?
आपके मन में ऐसे अनेक प्रश्न हो सकते हैं। इस पुस्तक में उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर बहुत ही सटीकता से पेश किए गए हैं। इनके अतिरिक्त इसमें जानें:
* लक्ष्य प्राप्ति में तनाव का इस्तेमाल कैसे करें
* तनाव के लक्षण क्या हैं
* तनाव मुक्ति का सबसे सरल उपाय कौन सा है
* तनाव के तनाव से छुटकारा कैसे पाएँ
* तनाव को नए दृष्टिकोण से कैसे देखें
विश्वास रखें, आज आप जिस भी कारण तनाव महसूस कर रहे हैं, वह आपको विकास के अगले स्तर पर ले जाने के लिए आया है, न कि परेशान करने के लिए। इसलिए आज से जब भी तनाव की स्थिति महसूस करें, समझें आप विकास की ओर बढ़ रहे हैं।
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