कर्म योग है इसलिए करने योग्य है फल स्वाष्टि है इसलिए बाँटने योग्य है।
क्या आप कर्म की इन धारणाओं को समझाना चाहते हैं-
* कर्म का फल लंबे समय बाद या अगले जन्म में ही मिलता है।
* जिसके साथ हम अच्छा व्यवहार करते हैं, वह हमारे साथ अच्छा और जिसके साथ हम बुरा व्यवहार करते हैं, वह हमारे साथ बुरा व्यवहार करने के लिए बाध्य है।
* कर्म और भाग्य दो अलग-अलग बातें है।
* यह जन्म पिछले जन्म के कर्मों की वजह से मिला है।
* इंसान जो कर्म करता है, अगले जन्म में उसकी पुनरावृत्ति होती है, सिर्फ स्थान व कर्ता आपस में बदल जाते हैं।
* ज्ञान, कर्म व भक्ति ये तीन अलग-अलग मार्ग हैं।
* पंचेन्द्रियों द्वारा किए जानेवाले कार्य ही कर्म हैं।
* हमारे भाव व विचार कैसे भी हों, हमें कर्तव्यदक्ष होकर अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
* अपने अतीत के बुरे कर्मों को भुगतने के सिवाय कोई चारा नहीं हैं।
* मरने के बाद हमारे कर्मों के अनुसार हमें स्वर्ग और नर्क मिलता है।
उपरोक्त मुद्दों में से अगर एक भी मुद्दे पर आपकी ‘हाँ’ है तो यह पुस्तक आपकी जरूरत है… आपकी जरूरत आपके हाथ में है। तो आइए, अपनी जरूरत को अपनाएँ!!
Reviews
There are no reviews yet.