सबसे बड़ा कौन है?
भगवान गुरु से बड़ा है
भगवान और गुरु दोनों समान हैं
गुरु भगवान से बड़ा है
एक साधक की दृष्टि से देखा जाए तो गुरु भगवान से भी बड़े माने जाते हैं। साधक यानी शिष्य पर गुरु के कृपा की कोई सीमा नहीं होती। सबसे पहले गुरु साधक के अशुद्ध मन को साफ करते हैं, उसे ज्ञान प्रदान करते हैं। साधक की तैयारी के बाद गुरु उसे भक्ति कैसे करनी है, यह सिखाते हैं और भक्ति के मार्ग पर हर पल गुरु उसकी सहायता भी करते हैं। इससे साधक भक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ता जाता है।
वास्तव में गुरु ईश्वर का दिया हुआ एक अनमोल उपहार है। गुरु के ज्ञान का असर केवल उनके शिष्यों पर ही नहीं बल्कि पूरे समाज पर होता है। हमारे भारत देश में सदियों से गुरु-शिष्य की परंपरा चलती आ रही है। इस पुस्तक में हम भारत के किसी एक गुरु के बारे में नहीं बल्कि सिख धर्म के दस गुरुओं के बारे में जाननेवाले हैं। सिख धर्म का प्रारंभ गुरु नानक द्वारा हुआ और सिखी के इस पवित्र पौधे को नौ अन्य गुरुओं ने सींचा, पाला-पोसा, सँभाला तथा उसका विस्तार किया।
गुरु नानक देवजी से लेकर गुरु गोबिंद सिंह जी तक सभी गुरुओं का सिख धर्म में अनन्य साधारण महत्त्व है। सारे सिख अपने गुरुओं के मार्गदर्शन के अनुसार ही अपना जीवन जीते हैं। इस पुस्तक में इन सभी महान गुरुओं के जीवन को पाठक के सामने उजागर करने का छोटा सा प्रयास किया गया है।
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